बिहार : देश की सरकारी स्वास्थ्य सेवा पहले से ध्वस्त थी. कोरोना महामारी में ये बिल्कुल ही ढेर हो चुकी हैं. अस्पतालों में ऑक्सीजन है, न बेड. मरीज तड़पकर जान गवां रहे हैं. इस सूरत में सरकारों से क्या उम्मीद कर सकते हैं. तब, जब श्मशान घाट भी निजी एजेंसियों के हवाले करने की तैयारी चल रही हो. पटना-बिहार की राजधानी है. इसके तीन श्मशान घाट, बांस घाट, गुलाबी घाट और खाजेकलां घाट के शवदाह गृह को नगर निगम ठेके पर उठाने जा रहा है. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधा है. (Tejashwi Government Cremated Houses Private Agency Patna)
तेजस्वी ने कहा, ”नीतीश कुमार ने पटना के श्मशान घाटों का भी निजीकरण किया है. निकम्मी एनडीए सरकार न जीवित लोगों को संभाल पा रही है और न मृत. धिक्कार है ऐसी नाकारा और निष्ठुर सरकार पर.”
रविवार को हिंदुस्तान अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया है. जिसमें बताया है कि इन तीनों शवदाह गृहों को नगर निगम संचालित करता है. कोरोना महामारी में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं कि मशीनों को जानबूझकर खराब कर दिया जाता है. ताकि मृतकों के परिवारों से मोटी रकम या मनमाना रुपया वसूला जा सके.
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खबर के मुताबिक विद्युत शवदाह गृह के संचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को देने पर विचार किया गया है. तो ये पटना नगर निगम है, जो तीन शवदाह गृहों को संचालित करने में अक्षम है.
पिछले तीन-चार दिनों से देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना से सैकड़ों मौतें हो चुकी हैं. श्मशान घाट, कब्रिस्तानों में लाशों पर लाशें पहुंच रही हैं. लखनऊ, वाराणसी के श्मशान घाटों की तस्वीरें और वीडियो भी वायरल हो चुके हैं, जिसमें लंबी लाइन में लाशें रखी हैं या फिर एक साथ कई चिताएं जलती नजर आ रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर प्रशासनिक व्यवस्था की आलोचना भी हो रही है.
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सोशल मीडिया पर कमेंट किए जा रहे हैं कि श्मशान घाटों को भी निजी हाथों में दे देना चाहिए. इसी बीच पटना के नगर निगम ने शवदाह गृहों को ठेके पर उठाने का इरादा भी कर लिया है, जिसके सामने आने पर खूब आलोचना हो रही है.