कोरोना की दूसरी लहर के चलते 75 लाख नौकरियां हुईं खत्म, बेरोजगारी चार महीने के टॉप पर

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लखनऊ | यह महामारी की दोतरफा मार है. कोविड-19 की दूसरी लहर एक तरफ लोगों की जान ले रही है तो दूसरी तरफ लाखों लोगों की रोजी-रोटी छीन रही है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (CMIE) के मुताबिक अप्रैल के महीने में देश में 75 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां चली गई हैं. इसका नतीजा यह हुआ है कि देश में बेरोजगारी की दर 8 फीसदी के करीब जा पहुंची है. यह जानकारी आज CMIE के प्रमुख महेश व्यास ने दी है. व्यास के मुताबिक आने वाले दिनों में भी रोज़गार के मोर्चे पर देश के हालात लगातार मुश्किल बने रहने की आशंका है.

आने वाले दिनों में भी मुश्किल ही रहेंगे हालात : महेश व्यास

महेश व्यास का कहना है कि वे कोविड की दूसरी लहर के पीक के बारे में तो कुछ नहीं कह सकते, लेकिन यह जरूर बता सकते हैं कि मौजूदा हालात की वजह से रोज़गार पर भारी दबाव पड़ रहा है. उनका अनुमान है कि आने वाले दिनों में बेरोज़गारी लगातार ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती है. साथ ही लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट में भी गिरावट देखने को मिल सकती है. दोनों में एक साथ गिरावट आने से भी इनकार नहीं किया जा सकता, जो सबसे बुरा होगा. हालांकि व्यास ने यह भी कहा कि अभी हालात उतने बुरे नहीं हैं, जितने पिछले साल लागू किए गए पहले लॉकडाउन के दौरान हो गए थे. उस वक्त तो बेरोजगारी की दर 24 फीसदी तक जा पहुंची थी.

शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर ज्यादा 

केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक देश में बेरोजगारी दर 7.97 फीसदी है. शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 9.78 फीसदी है और ग्रामीण इलाकों में 7.13 फीसदी. मार्च में देश में बेरोजगारी दर 6.50 फीसदी थी. ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों में यह दर कम थी लेकिन कोविड-19 की दूसरी लहर में देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन लग गया. सिर्फ आवश्यक गतिविधियों की इजाजत दी जा रही है. इस वजह से आर्थिक गतिविधियों और रोजगार पर असर पड़ा है. महेश व्यास के मुताबिक अभी यह पता नहीं है कि कोविड का पीक कब आएगा लेकिन रोजगार के मोर्चे पर दबाव दिखने लगा है..

रोजगार के मोर्चे पर चुनौतियां बरकरार रहेंगीं

उन्होंने कहा कि अभी जो हालात हैं उनसे ऐसा लगता है कि रोजगार के मोर्चे पर संघर्ष की स्थिति बनी रहेगी और श्रम बल की भागीदारी भी कम रहेगी. कोरोना लहर के पहले दौर में बेरोजगारी दर 24 फीसदी तक पहुंच गई थी. इस  बार भी ऐसी स्थिति आ सकती है. देश में इस वक्त हर दिन संक्रमण के चार लाख नए मामले आ रहे हैं. साथ ही 3000 मौतें रोज हो रही हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश में लॉकडाउन लगाना आखिरी उपाय होगा.

 

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