फीफा विश्व कप 2022 ने ली 6500 प्रवासी मजदूरों की ‘बलि’

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सरकारी स्रोतों से संकलित आंकड़ों के आधार पर जानकारी सामने आई है कि फीफा विश्व कप 2022 की तैयारी में मेजबान देश कतर में अब तक दक्षिण एशियाई देशों के 6500 से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों की मौत हो चुकी है। ब्रिटिश समाचार और मीडिया वेबसाइट गार्जियन द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका के औसतन 12 प्रवासी कामगारों की मौत 2011 और 2020 के बीच की अवधि में हर सप्ताह हुई। (FIFA World Cup 2022)

FIFA world cup stadium construction site

इस अवधि के दौरान भारत, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका के सरकारी आंकड़ों में 5927 मौतें दर्ज की गईं, जबकि कतर में पाकिस्तान के दूतावास ने 824 मौतें दर्ज कीं।

पांच देशों के मरने वाले प्रवासी श्रमिकों में सबसे ज्यादा संख्या 2711 भारतीयों की है।

2020 के अंतिम महीनों के इन आंकड़ों में केन्या और फिलीपींस जैसे देशों के प्रवासी श्रमिकों को शामिल नहीं किया गया था। यानी, मरने वाले मजदूरों की तादाद कहीं ज्यादा है। (FIFA World Cup 2022)

सरकारी स्रोतों से संकलित आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं, कतर प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए कुछ खास बंदोबस्त नहीं कर रहा है। इस त्रासदी को झेल रहे परिवार, जिन्होंने अपनो को खो दिया, वो मुआवजा तक के हकदार नहीं बन पाए हैं।

migrant workes residence in Qatar

तेल की दौलत के चलते खाड़ी देश कतर दुनिया के सबसे धनी देशों में से एक है। पिछले साल यहां की हुकूमत ने श्रमिकों के अधिकारों और शर्तों में सुधार के नाम पर कवायद शुरू की थी; मसलन, कफ़ला प्रणाली यानी वीजा सिस्टम में मजदूर और नियोक्ता के बीच व्यवस्थित कायदे तय करना। इसमें नियोक्ता की पकड़ कागजी तौर पर कुछ ढीली की गई, हालांकि अमल में ऐसा नहीं दिखाई दिया। (FIFA World Cup 2022)

20 लाख प्रवासी कामगारों वाला देश क़तर का मानवाधिकार रिकॉर्ड जांच का विषय रहा है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता फीफा विश्व कप की मेजबानी झटकने के बाद यह कई मानवाधिकार सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर आ गया।


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