कर्नाटक में ऑक्सीजन बिना तड़प कर मर गए 24 मरीज,12 दिन में इस तरह मर चुके 110

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द लीडर डेस्क

रविवार दोपहर दिल्ली में सरकार की त्वरित कार्रवाई से बच्चों के एक अस्पताल में समय पर ऑक्सीजन मिलने से कई जानें बच गई लेकिन कर्नाटक के एक अस्पताल में रात को बिना ऑक्सिजन के 24 रोगियों की तड़पते हुए जान चली गई। 21 अप्रैल से अब तक 6 अस्पतालों में ऐसा हो चुका है और करीब 110 लोगों की जान जा चुकी है।
कर्नाटक के चामराजनगर जिला अस्पताल में बीती रात 24 मरीजों की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत हो गई। इनमें से कुछ कोरोना मरीज भी बताए जा रहे हैं।
चामराजनगर के जिस अस्पताल में ये हादसा हुआ है, उसे बेल्लारी से ऑक्सीजन की सप्लाई होनी थी। सप्लाई में देरी हुई, जिसके बाद 24 मरीजों की मौत हो गई। हादसे के बाद मैसूर से चामराजनगर के लिए ढाई सौ ऑक्सीजन सिलेंडर भेजे गए। बताया जा रहा है कि, जिन मरीजों ने जान गंवाई है, उनमें अधिकतर वेंटिलेटर पर थे। इस हादसे के बाद अस्पताल के बाहर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।इन मौतों पर जिला प्रभारी मंत्री सुरेश कुमार ने कहा कि हम डेथ ऑडिट रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। हादसे पर सीएम येदियुरप्पा ने चामराजनगर के जिलाधिकारी से बात की है और एक इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई है।

मेरठ के एक अस्पताल में पांच मरीजों की मौत की वजह भी ऑक्सीजन की ही कमी बताई जा रही है। इस पर रविवार को वहां हंगामा भी हुआ।
मेरठ मेडिकल थाना क्षेत्र के न्यूटीमा हॉस्पिटल में मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से मौत हुई हैं। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में तोड़फोड़ भी की।
सूचना पाकर मेडिकल के अलावा नौचंदी समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। देखते ही देखते लोगों का हुजूम लग गया। न्यूटीमा अस्पताल के एमडी डॉ. संदीप गर्ग आरोप गलत बता रहे है जबकि सीएमओ का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
दिल्ली के बत्रा अस्पताल में शनिवार 1 मई दोपहर एक डॉक्टर समेत 12 कोविड-19 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई। यहां भी ऑक्सीजन समाप्त हो गई थी। ऑक्सीजन रि-सप्लाई के लिए टैंकर अस्पताल में दोपहर 1.30 बजे पहुंचे। इसके कारण अस्पताल के मरीज करीब 80 मिनट तक बिना ऑक्सीजन के ही रहे।
24 अप्रैल को दिल्ली के रोहिणी के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 25 मरीजों को देर रात मौत हो गई थी। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर का कहना था कि सरकार की तरफ से अस्पताल को 3.5 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अलॉट की गई है, जिसको फिर रीफिल होना था, लेकिन देर रात रीफिल नही हुई। 23 अप्रैल की रात महज 1500 लीटर रीफिलिंग की गई थी। इसी कारण अस्पताल के पास ऑक्सीजन खत्म हो गई और 25 कोविड मरीजों की मौत हो गई।
अमृतसर में 24 अप्रैल को ही ऑक्सीजन की कमी से अमृतसर के फतेहगढ़ चूड़ियां बाईपास रोड स्थित नीलकंठ अस्पताल में छह लोगों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया थी।
24 अप्रैल को ही ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल मेंऑक्सीजन की कमी से 2 कोविड मरीजों की मौत हो गई थी।
नासिक में 21 अप्रैल डॉ. जाकिर हुसैन अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन टैंकर लीक होने से 22 लोगों ने दम तोड़ दिया था। लीकेज के कारण अस्पताल में 30 मिनट तक ऑक्सीजन सप्लाई बाधित रही। इसके कारण वेंटिलेटर पर रखे गए 22 मरीजों की मौत हो गई थी।

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