अबूजा।
इस्लाम के नाम पर राज करने के लिए कत्ले आम क़रने वालों के अलग अलग मुल्कों में नाम भी अलग हैं। नाइजीरिया में उनका नाम है बोको हराम। उनकी नज़र में धर्मनिरपेक्षता या मताधिकार की बात करने वाला भी गुनाहगार है। आतंकी समूह बोको हराम के सदस्यों ने इस सप्ताह की शुरुआत में नाइजीरिया के पूर्वोत्तर शहर दमसाक पर हमला किया, जिसमें 18 लोग मारे गए और 21 अन्य घायल हो गए।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बोर्नो राज्य के गवर्नर बाबागाना उमरा जुलुम ने शुक्रवार को पत्रकारों से हमले की पुष्टि करते हुए यह जानकारी दी।
जुलुम ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र मानवीय केंद्र, निजी आवासीय घर, एक पुलिस स्टेशन, एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र क्षतिग्रस्त हुई चीजों में शामिल है। उन्होंने कहा कि नुकसान का जायजा लेने और शहर में आतंकवादरोधी अभियानों में शामिल सुरक्षा अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए उन्होंने दमसाक का दौरा किया। बोको हराम 2009 से पूर्वोत्तर नाइजीरिया में एक इस्लामवादी राज्य स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। इस संघर्ष में अब तक 36000 लोग मारे जा चुके हैं और 20 लाख बेघर हुए हैं।
बोको हराम इस्लाम के जिस विचारधारा का समर्थक है, उसमें मुसलमानों को वोटिंग और धर्मनिरपेक्ष होने की सख्त मनाही है। यह पूरे विश्व में शरिया कानून लागू करने की बात कहता है। इसके संस्थापक मौलवी मोहम्मद युसुफ ने एक मस्जिद का भी निर्माण करवाया, जो इन दिनों जिहादी भर्ती का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। यह संगठन बच्चों को मानव बम बनाकर हमलों को अंजाम देता है।
पिछले साल नाइजीरिया में बोको हराम ने खेतों में काम करने वाले 43 मजदूरों की निर्मम हत्या कर दी थी। नाइजीरिया के मैदूगुरी में इस घटना को अंजाम दिया था। इस बेहद क्रूर हमले में इन मजदूरों को पहले बांधा गया और फिर उनके गले काट दिए गए।
बोको हराम की स्थापना 2002 में मौलवी मोहम्मद युसुफ ने की थी। 2009 से इस संगठन का मुखिया अबुबकर शेकाऊ है। अगस्त 2016 में बोको हराम ने इस्लामिक स्टेट और लेवेंट से हाथ मिला लिया था।