नई दिल्ली। देश में कोरोना टीकाकरण अभियान की रफ्तार पहले से काफी कम हो गई है. इसकी वजह कोविड टीके की कमी का होना है. टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए 13 राज्यों ने विदेशों से भी टीके खरीदने का फैसला किया है. इसके लिए राज्य सरकारें ग्लोबल टेंडर जारी करेगी.
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टीकों को दूसरे देशों से आयात करने हेतु समिति का गठन
इन 13 राज्यों में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान शामिल हैं. उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कमी को देखते हुए इन टीकों या स्पूतनिक जैसे अन्य टीकों को दूसरे देशों से आयात करने हेतु एक समिति का गठन किया है.
जनता को तत्काल टीका लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने एक आदेश में कहा कि, राज्य में कोरोना के बढते प्रकोप को रोकने के लिए जनता को तत्काल टीका लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है. इसलिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीकों या स्पूतनिक जैसे अन्य टीकों को आयात करने पर विचार के लिए यह समिति बनायी गई है. पांच सदस्यीय यह समिति उक्त टीकों को ग्लोबल टेंडरों के माध्यम से क्रय किए जाने हेतु तत्काल कार्रवाई करेगी.
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हरियाणा की बीजेपी सरकार भी जारी करेगी ग्लोबल टेंडर
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल बिज ने कहा कि, कोरोना के खिलाफ जो सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है, वह है सभी को वैक्सीन देना. सभी को वैक्सीन मिल जाएं, इसके लिए हम ग्लोबल टेंडर जारी करने जा रहे हैं. दुनिया में हमें अगर कहीं से भी वैक्सीन मिल जाती है तो हम हरियाणा के सभी लोगों को वैक्सीन लगा देंगे.
अबतक करीब 13 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी गई
भारत में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई थी. इन चार महीनों में 135 करोड़ की आबादी में से अबतक करीब 13 करोड़ लोगों को पहली खुराक दी गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि, 2023 या उसके बाद कुछ देशों में टीके आसानी से उपलब्ध होंगे.
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अमेरिका, इजराइल और ब्रिटेन उन देशों में शामिल हैं, जिसने अपनी आधी या इससे ज्यादा आबादी को कम से कम एक खुराक मुहैया करा दी है. दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान और वेनेजुएला जैसे कुछ देशों में एक प्रतिशत से भी कम आबादी का टीकाकरण हुआ है. वहीं, अफ्रीका में 12 देशों को टीके की खुराक नहीं मिली है.