ब्लैक फंगस से उत्तराखंड में 11 और मरे कोरोना से एक दिन में 93 की मौत

0
480

 

द लीडर देहरादून

गैरसरकारी तौर पर उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में कई गांवों में बडी संख्या में लोगों के बीमार पड़ने की सूचनाएं मिल रही हैं लेकिन शहरी अस्पतालों पर आधारित सरकारी आंकड़ा नए संक्रमितों की संख्या में मामूली वृद्धि दिखा रहा है। ब्लैक फंगस के केस भी बढ़ रहे हैं। मंगलवार तक ब्लैक फंगस से 11 की मौत हो चुकी और 24 घंटे में कोरोना से 93 और मौतों का ज़िक्र स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में है। इनमें 12 मौतें पिछली डेट में दिखाई गई हैं। जाहिर है मौतें छिपाने पर अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क़रने की सरकारी घोषणा हवा हवाई ही साबित हो रही है।
मंगलवार 25 मई को फिर कोरोना के नए संक्रमितों की संख्या में मामली बढ़त दर्ज की गई। 24 घंटे में 2756 नए संक्रमित मिले। 6674 लोग स्वस्थ हुए । यह संख्या भी घटी है। 24 मई को 2071 नए संक्रमित मिले थे और 95 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी। वहीं ब्लैक फंगस के अब तक विभिन्न अस्पतालों में 133 मामले हैं। इनमें अब तक 11 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, नौ लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।
अब प्रदेश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 45568 रह गए हैं। प्रदेश में टीकाकरण की रफ्तार फिर कम रही। कंटेनमेंट जोन भी 481 से घटकर 477 हो गए हैं। यहां एक तरीके से पूर्ण लॉकडाउन है। मंगलवार 25 मई को 382 केंद्र में 19648 लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए। सोमवार 24 मई को 336 केंद्रों में 23829 लोगों को टीके लगाए गए थे।
देहरादून में 524, नैनीताल में 209, हरिद्वार में 200, उधमसिंह नगर में 452, चमोली में 226, बागेश्वर में 70, रुद्रप्रयाग में 161, अल्मोड़ा में 224, पिथौरागढ़ में 124, पौड़ी में 109, टिहरी में 264, उत्तरकाशी में 109, चंपावत में 74 नए संक्रमित मिले।

ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस को लेकर सचिव डा पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि एम्स ऋषिकेश में पंजाब, हरियाणा आदि बाहरी प्रांतों के मरीज भी ब्लैक फंगस का उपचार करा रहे हैं। यहां 100 से अधिक केस हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 12 डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों को ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया गया है। ताकि दवा व अन्य व्यवस्थाओं का बेहतर प्रबंधन हो सके। कहा कि इस उपचार में एमफोटरिसम बी का अहम रोल रहा है। प्रदेश को कोटे के हिसाब से 170 लाइफोसोमन मिली थी जिसमें 90 का उपयोग किया जा चुका है, और 430 एमफोटरिसम में से 261 का उपयोग किया जा चुका है। प्रदेश में इन इंजेक्शनों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए अन्य संस्थानों को भी आर्डर किया गया है ताकि किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।

तीसरी लहर

उन्होंने कहा कि जिस तरह कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर सिर्फ बच्चों को प्रभावित करेगी तो ऐसा नहीं है। लेकिन इसमें अहम यह है कि 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के लोगों में से अधिकांश वैक्सीनेट हो चुके हैं। 18 साल से उपर के लोग भी वैक्सीनेट हो रहे हैं। और 18 साल से कम आयु वर्ग वाले बच्चे अभी वैक्सीनैशन की प्रक्रिया में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन आपूर्ति के लिए ग्लोबल टेंडरिंग के अलावा और भी रास्ते तलाशे जा रहे हैं। कोशिश है कि प्रदेश में जल्दी से जल्दी और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here