वॉशिंगटन।
अमेरिका में भारतवंशियों का डंका बज रहा है। जो बिडेन की सरकार में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के अलावा कई अहम पदों में भारतीय मूल के लोग हैं। अब ऐसी ही ताज़ा खबर शिकागो से है। यहां हो रहे स्थानीय निकाय चुनावों में 10 भारतवंशी हिस्सा ले रहे हैं। इन 10 उम्मीदवारों में पांच महिलाएं भी हैं।
यह पहली बार है जब इतनी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक शिकागो के स्थानीय चुनावों में हिस्सा ले रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकन एसोसिएशंस ऑफ फिजिशिय़ंस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सुरेश रेड्डी ओक ब्रुक में ट्रस्टी के पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि निमिश जानी श्रैमबर्ग टाउनशिप के ट्रस्टी पद के लिए और सईद हुसैनी हेनोवर पार्क टाउनशिप के ट्रस्टी पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
चुनाव लड़ने वाली पांचों महिला उम्मीदवार भारतीय मूल की अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के व्यक्तित्व से प्रभावित हैं। वास्वी चक्का नैपरविले सिटी काउंसिल के लिए चुनाव लड़ रही हैं। मेहगाना बंसल व्हीटलैंड टाउनशिप ट्रस्टी के पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। अरोड़ा टेंथ वार्ड आल्डेरमन से श्वेता बेर चुनाव लड़ रही हैं। डिस्ट्रिक्ट 204 स्कूल ब्रांड की ओर से सुपना जैन और सबा हैदर चुनाव लड़ रही हैं।
कम्युनिटी के लीडर जितेंद्र दिगनवकर मेनी टाउनशिप हाई-वे कमिश्नर पद के लिए चुनाव लड़ रह हैं। दिगनवकर ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इतने सारे उम्मीदवार एक साथ शिकागो के स्थानीय निकाय चुनावों में भाग ले रहे हैं। दिगनवकर देस प्लेनस में साल 1999 में प्रवासी के तौर पर गए थे और 2003 में अमेरिका की नागरिकता हासिल की। वह कहते हैं कि यदि उन्हें चुन लिया जाता है तो सड़क पर चलने वाले वाहनों को खुला और सुरक्षित रखने को प्राथमिकता देंगे।
व्हीटलैंड टाउनशिप ट्रस्टी पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहीं मेहगाना बंसल ने बताया कि उन्होंने फाइनेंस में एमबीए किया हुआ है और एक वैश्विक संस्था में फाइनेंस एक्जीक्यूटिव के पद पर काम कर रही हैं। वास्वी चक्का आईटी विभाग में सीनियर मेनेजमेंट प्रोफेशनल के पद पर काम कर रही हैं। वह वर्तमान में बिजेनेस वर्क्स कमेटी की सदस्य हैं।
हैरिस ने भारतीय मूल के डॉ. विवेक को सराहा
वॉशिंगटन। अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारतीय मूल के फिजिशियन डॉ. विवेक मूर्ति की सराहना की है। डॉ. मूर्ति को हाल ही में बाइडेन के सर्जन जनरल के तौर पर नियुक्त किया गया है।
कमला ने कहा है कि ‘थैंक्यू मिस्टर मूर्ति मैं आज सभी दोस्तों के सामने आपके बिना थके कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम करने के लिए धन्यवाद देती हूं। साथ ही आपने देश के उत्थान के लिए जो काम किए हैं उनके लिए आपका आभार व्यक्त करती हूं। ‘
डॉ. मूर्ति मूल रूप से भारत के कर्नाटक राज्य के रहनेवाले हैं और यॉर्कशायर के हड्डर्सफील्ड शहर में उनका जन्म हुआ। वे जब तीन साल के थे तब उनका परिवार मायामी चला गया। इसके अलावा डॉ. मूर्ति ने डॉक्टर्स फॉर अमेरिका की स्थापना की। इस संस्था में 18 हजार से अधिक डॉक्टर और मेडिकल छात्र सदस्य हैं। यह संगठन सस्ते में अच्छी सेवा प्रदान करता है।