राहत की बारिश बनी आफ़त, हादसे साथ लेकर आया बरेली में प्री-मानसून-पढ़ें

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द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में रात तेज़ हवाओं के बीच बारिश ने तन को ठंडा और मन को चंगा कर दिया. लेकिन राहत की बारिश के साथ में आंधी आने से आफ़त में तब्दीन हो गई. फ़रीदपुर के तीन गांवों में लिंटर गिरने और झोपड़ीं टूटने से एक शख़्स की मौत हो गई. जिनकी मौत हुई, उनका नाम जयपाल था. वो भगवानपुर फुलवा गांव के रहने वाले थे. रात में बारिश-आंधी के बीच उनके मकान का लिंटर गिर गया. जयपाल दब गए. जब तक पड़ोसी मदद को आते गंभीर घायल हो जाने से उनकी सांसें थम गईं. भगवानपुर फुलवा में ही चंदन के पड़ोस में लगा नीम का पेड़ गिरने से झोंपड़ी क्षतिग्रस्त हो गई. नन्हें लाल का लिंटर भी गिरा है. इन हादसों में नौ लोगों को चोटें आई हैं.

बारिश और आंधी से कुछ वक़्त के लिए ट्रेनों के पहिए भी थम गए. रामपुर और शाहजहांपुर के बीच रेलवे ट्रैक पर पेड़ गिरने से ट्रेनों को जहां-तहां रोका गया. बरेली जंक्शन पर यात्री ट्रेनों का घंटों इंतज़ार करते रहे. उन्हें ट्रेनों की लोकेशन भी ठीक से नहीं मिल पा रही थी. जंक्शन पर अफ़रातफ़री का माहौल बना रहा. बरेली के सराफ़ अहमद उल्ला वारसी भी रक्सौल एक्सप्रेस के इंतज़ार में चार घंटे जंक्शन पर परेशान हुए. उन्होंने द लीडर हिंदी को बताया कि कौन सी ट्रेन कहां है, जंक्शन पर एनाउंसमेंट तक नहीं हो रहा था.

रात से सुबह तक यही हाल रहा. बारिश-आंधी ने बिजली का निज़ाम भी दरहम-बरहम कर दिया. सिविल लाइंस से लेकर क़िला और पुराना शहर तक बड़ा इलाक़ा अंधेरे में डूबा रहा. सिविल लाइंस में तो डेढ़ बजे रात में लाइट आ गई लेकिन क़िला का बड़ा इलाक़ा बेचैन रहा. पूरी रात लोगों को करवटें बदलकर काटनी पड़ी. इन्वर्टर ने भी काम करना बंद कर दिया. लोगों ने बताया कि दोपहर लाइट सात मिनट के लिए आई और फिर चली गई. इस तरह बारिश से थोड़ा तापमान नीचे आया लेकिन दिक़्क़तों का सामना ज़्यादा करना पड़ गया.https://theleaderhindi.com/capital-gets-relief-amid-scorching-heat-light-rain-in-many-parts-of-delhi-ncr/