मुंबई में टला हाथरस जैसा हादसा, भीड़ में दब जाने वालों के लिए फ़रिश्ता बने हुसैन और साथी

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द लीडर हिंदी : एक तरफ समुद्र की लहरें उफ़ान पर थीं तो दूसरी जानिब सड़क पर जनसैलाब था. मरीन ड्राईव पर तिल रखने की जगह नहीं थी. महिलाएं, बच्चे, युवा और बुज़ुर्ग सभी आए थे. जोश के साथ जुनून था. हर कोई टी-20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीतकर लाए भारतीय क्रिकेट टीम के जांबाज़ों की एक झलक और उनका ख़ैर मक़दम करने के लिए बेताब था.क्योकि विश्व विजेता टीम के स्वागत के लिये यहां लाखों लोग का नसैलाब उमड़ आया.इतनी ज़्यादा भीड़ पहुंची कि बच्चे-महिलाएं दबने लगे.किसी का पैर-हाथ टूटा तो बहुतों को सांस लेने में दिक़्क़त होने लगी.अब से पहले इतनी भीड़ तो सदी के महानायक, बॉलीवुड के बादशाह, दबंग को देखने के लिए भी उमड़ी थी. आंकलन और अनुमान फेल हो गए थे. ज़ाहिर सी बात है, सबसे फॉस्ट कही जाने वाली मुंबई की पुलिस के भी भीड़ का सैलाब देखकर होश उड़ गए होंगे.

तब तो और भी जब लोग भीड़ में दबने लगे. किसी की चप्पल टूटी तो बहुतों के जूते छूटे. पुलिस बेहोश होने वाली एक महिला को तो कांधे पर उठाकर ले जाती दिखाई दे रही है. ऐसे में मरीन ड्राईव पर स्टोर चलाने वाले हुसैन और उनकी टीम हरकत में आ गई. बेहोश होकर गिरने और भीड़ में दबने से हाथ-पैर टूटने वाले लोगों की मदद शुरू कर दी. लोगों को सड़क से उठाकर स्टोर के अंदर ले गए. इस तरह क़रीब 25 लोगों के लिए हुसैन और उनके साथी फ़रिश्ता बन गए.

टीम इंडिया के स्वागत में इस भीड़ का साइड वहां मौजूद लोगों को हुआ. बहरहाल ग़नीमत रही कि भगदड़ नहीं मची, वरना हाथरस जैसा हादसा हो सकता था. फिर भी सैकड़ों लोग ज़्यादा भीड़ के सबब मुश्किल में फंस रहे. सड़क पर छूटी चप्पल और जूतों को देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक़ ही 10 लोगों को मरीन ड्राईव से इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया.