दुनिया का खुशहाल और विकसित देश कैसे तबाह हो सकता है, यमन इसकी सबसे बड़ी मिसाल!

खुर्शीद अहमद


 

-मिस्र पुरानी सभ्यताओं का देश है. मिस्र के नागरिक बड़े गर्व के साथ अपने देश को विश्व की माता यानी उम्मुल दुनिया कहते हैं. और सब इसे मानते भी हैं. लेकिन यमन की अवाम इस दावे को खारिज करती है. इस तर्क के साथ कि खुद मिस्र की मां-यमन है, तो फिर मिस्र विश्व की मां कैसे? वैसे, यमन का ये कहना इतना ग़लत भी नहीं है. मिस्र अपने फिरऔन शासकों की वजह से मशहूर हुआ. और फिरऔन का सबसे बड़ा खानदान यमन से ही विस्थापित होकर मिस्र पहुंचा था. (Yemen Destroyed Biggest Example)

3.04 करोड़ की आबादी वाला यमन, अरब सागर-लाल सागर और अदन की खाड़ी को जोड़ने वाले स्थान पर है. कभी एक विकसित राष्ट्र हुआ करता था. बाब-अल-मनदब (जलडमरूमध्य) सिर्फ 20 किलोमीटर चौड़ा पानी का रास्ता है, जो यमन को अफ्रीकी देश जबूती से जोड़ता है. इस वक्त ये रास्ता विश्व व्यापार के लिए रीढ़ की हड्डी की, हैसियत रखता है.

जितना महत्व नहरे सुवैज का है. उतना ही अहम बाब-अल मनदब है. कभी चीन, भारत और इंडोनेशिया के सामान को पूर्वी अफ्रीका तक पहुंचाने वाले इस रास्ते का इस्तेमाल अब पेट्रोलियम पदार्थ ढोने के रास्ते के तौर पर किया जाता है.

आज से कोई ढाई हजार साल पहले यमन ने कृषि आधारित अर्थव्यवस्था का एक मजबूत ढांचा तैयार किया था. विश्व का सबसे पुराना बांध, जिसे सद्दे मआरिब कहा जाता था. वो भी यमन में ही था. ये बांध सैकड़ों बरस पहले तबाह हो चुका है. लेकिन इसके खंडहर आज भी मौजूद हैं, जो देखने वालों को अचंभित कर देते हैं. यहां तक कि कुरान में भी इस बांध का ज़िक्र मिलता है.


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इसरायल के सबसे बड़े बादशाह, सलोमन जिन्हें मुसलमान नबी मानते हैं. सुलेमान अलैहिस्सलाम कहते हैं, बहुत बड़े राजा थे. पर वो भी यमन की रानी बिलकीस की शानो शौकत सुनकर अचंभित रह गए. (Yemen Destroyed Biggest Example)

सदियों तलक तक यमन एक डेवलप मुल्क रहा. खेती आधारित अर्थव्यवस्था उसकी आर्थिक शक्ति थी, जिसके लिए वो पूरी दुनिया में मशहूर था. और खुद को विश्वगुरु समझता था. उस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था पर यहूदियों के बजाए यमन के हजरमी व्यापारियों का कब्जा हुआ करता था.

उसी यमन को अंग्रेजों की नज़र लग गई. और उन्होंने यमन की सरजमीं पर क़ात की खेती का परिचय कराया. क़ात, भांग और धतूरा जैसा एक पौधा होता है. जिससे नशा होता. यमनी किसानों को कात की खेती में मोटा मुनाफा नजर आया. जिससे आकर्षित होकर वे अपनी दूसरी फसलों से मुंह मोड़कर कात की खेती में जुट गए. नतीजतन किसानों के पास बेशुमार दौलत आने लगी.

 

इसी दौलत के लालच में पहले यमन के जमींदारों के बीच वर्चस्व की जंग शुरू हुई. जिसके नतीजे में वार लार्ड्स व्यवस्था क़ायम हो गई. उसके बाद धार्मिक लड़ाईयां होने लगीं. सुन्नी और शिया समुदाय के जैदी फिरकों के बीच तलवारें खिंचने लग गईं. काबिलेगौर है कि इससे पहले की सदियों तक दोनों फिरके, एक साथ मिलजुलकर रहते आ रहे थे.

आज यमन का क्या हश्र है? सब जानते हैं. वो खुशहाल यमन अब दो देशों में बंट चुका है. एक उत्तरी और दूसरा दक्षिण यमन. वो यमन जो कभी दुनिया के सबसे खुशहाल और आर्थिकरूप से संपन्न, विकसित देशों की कतार में सबसे ऊपर रहता था. वो अब विश्व का सबसे गरीब देश है.

दुनिया भर में अनाज पहुंचाने वाले यमन में भुखमरी के हालात आम हैं. अवाम के पास खाने को अनाज नहीं. अपनी दैनिक जरूरतों के लिए भी वो विश्व बिरादरी की सहायता पर निर्भर है. (Yemen Destroyed Biggest Example)

यमन के साथ भारत के रिश्तों की बात करें तो दोनों मुल्कों के बीच सैकड़ों सालों से अच्छे संबंध रहे हैं. दोनों के नागरिक भी एक-दूसरे देश में रहते आए हैं. रहन-सहन ,पहनावा और मिजाज भी काफी मेल खाते हैं.

(लेखक मूलरूप से यूपी के निवासी है और खाड़ी में कार्यरत हैं.)

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Ateeq Khan

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