द लीडर | राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने नामांकन दाखिल कर दिया है. राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को होने जा रहे चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को नामांकन पत्रों के चार सेट राज्यसभा के महासचिव पी. सी. मोदी को सौंपे. बता दें, इससे पहले 24 जून को NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन भरा था. इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव मौजूद रहें. वहीं, कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए तो वहीं समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे.
Opposition's Presidential polls candidate Yashwant Sinha files his nomination at the Parliament in Delhi pic.twitter.com/2BGztPZwmB
— ANI (@ANI) June 27, 2022
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विपक्ष ने दिखाई एकता
यशंवत सिन्हा के नामांकन के बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ भाईचारा है तो दूसरी तरफ विचारधारा है. इसके अलावा आज सुबह ही यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी को समर्थन करने वाली तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी टीआरएस के नेता भी पहुंचे थे. जम्मू कश्मीर से फारूक अब्दुल्ला भी इस मौके पर समर्थन जाहिर करने पहुंचे थे. वहीं, कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हुए तो वहीं समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे.
विपक्ष की मायावती ने मुर्मू का किया समर्थन
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया था. बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा, ‘हमने एनडीए के राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का फैसला किया है. हमने यह फैसला न तो बीजेपी या एनडीए के समर्थन में और न ही विपक्ष के खिलाफ बल्कि अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए लिया है. बीएसपी कमजोर, गरीब और उपेक्षित वर्ग के लोगों के लिए फैसले लेती रही है.’
TRS ने दिया यशवंत सिन्हा को समर्थन
तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस ने सोमवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी. टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य आईटी, उद्योग मंत्री केटी रामा राव पार्टी सांसदों के साथ उस समय मौजूद थे, जब सिन्हा ने अपना नामांकन दाखिल किया. हालांकि टीआरएस ने पहले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का समर्थन किया था, लेकिन पिछले दिनों दोनों में कड़वाहट आ गई थी. टीआरएस के नौ लोकसभा सदस्य, सात राज्यसभा सदस्य और 101 विधायक हैं.
द्रौपदी मुर्मू ने भी किया शक्ति प्रदर्शन
द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को नामांकन भरा. इस दौरान NDA गठबंधन के कई नेता उनके साथ पहुंचे थे. इन नेताओं में पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा समेत कई अन्य पार्टियों के नेता भी पहुंचे थे. बिल्कुल इसी अंदाज में विपक्ष ने शक्ति प्रदर्शन किया है.
द्रोपदी मुर्मू की जीत लगभग तय
यशवंत सिन्हा एनडीए गठबंधन की ओर से उतारी गईं राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को चुनौती देंगे. एनडीए ने 21 जून को विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा की थी. हालांकि द्रौपदी मुर्मू की जीत काफी हद तक तय मानी जा रही है. इसकी वजह यह है कि एनडीए बहुमत के आंकड़े से थोड़ी ही दूर है, जबकि वाईएसआर कांग्रेस, बीजू जनता दल जैसी पार्टियों ने उनके समर्थन का ऐलान किया है. ऐसे में मुर्मू की जीत तय मानी जा रही है.
18 को होना चुनाव
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून को चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था. राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है. मतगणना 21 जुलाई को होगी. वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.