द लीडर। देश में आज उपराष्ट्रपति चुनाव के वोटिंग जारी है। मतदान सुबह 10 बजे से शुरू हो गया था जो शाम पांच बजे तक चलेगा। उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ और विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है।
वोटों की गिनती आज ही की जाएगी और नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को पद की शपथ लेंगे। मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त होगा।
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देश के अगले उपराष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान आज शनिवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गया। मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा, जिसके बाद मतगणना होगी। उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रत्याशी और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल 71 वर्षीय जगदीप धनखड़ का मुकाबला विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार 80 वर्षीय मार्गरेट अल्वा से है।
पीएम मोदी ने डाला वोट
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना वोट डाला।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi casts his vote for the Vice Presidential election, at the Parliament pic.twitter.com/cJWlgGHea7
— ANI (@ANI) August 6, 2022
780 सांसद वोट डालने के लिए पात्र
बता दें कि, लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद, जिनमें मनोनीत सदस्य भी शामिल हैं वो उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के लिए पात्र हैं। संसद के दोनों सदनों में कुल 788 सांसद हो सकते हैं, जिनमें से उच्च सदन की आठ सीट फिलहाल खाली हैं. ऐसे में उपराष्ट्रपति चुनाव में 780 सांसद वोट डालने के लिए पात्र हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में जगदीप धनखड़ और मार्गरेट अल्वा में से जिसे भी 394 वोट मिले, उसकी जीत तय हो जाएगी।
कौन हैं एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ ?
जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान ज़िले के झुंझुनू ज़िले के किठाना गांव में 18 मई, 1951 में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने स्कॉलरशिप हासिल करके चित्तौड़गढ़ के सैनिक स्कूल में दाख़िला लिया। धनखड़ ने जयपुर के प्रतिष्ठित महाराजा कॉलेज से बीएससी (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की।
उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से ही क़ानून (एलएलबी) की पढ़ाई की। मौजूदा वक्त में जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं। 2019 में बीजेपी ने उनको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया। तब से लेकर अब तक उनकी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से ठनती रही।
कौन हैं विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ?
मार्गरेट अल्वा का जन्म 1942 में मैंगलोर में हुआ था। इसके बाद ही मद्रास प्रेसिडेंसी की अलग-अलग जगहों पर पली-बढ़ीं। उनके पिता इंडियन सिविल सर्विस में थे। उनकी शादी अल्वा परिवार में हुई थी। उनके सास-ससुर दोनों सांसद थे। इस परिवार में ही उन्होंने राजनीति के गुर सीखे थे। मार्गरेट अल्वा 42 साल की उम्र में ही मंत्री बन गई थीं, जो उन दिनों एक बड़ी उपलब्धि थी। अल्वा गुजरात, गोवा, राजस्थान और उत्तराखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं।
अल्वा चार बार राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। 1974 से 1992 के बीच वे चार बार ऊपरी सदन की सदस्य रहीं। साल 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में उन्हें कार्मिक मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद मिला था। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1999 में कर्नाटक की कनारा सीट से चुनी गई थीं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है
उपराष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है, जिसके निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए सांसदों के साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है। ख़ास बात यह है कि दोनों सदनों के लिए मनोनीत सांसद भी उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं।
भारत के उपराष्ट्रपति की ज़िम्मेदारियां क्या हैं?
हम आपको बताते हैं कि, भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है. संविधान में उपराष्ट्रपति को मुख्य ज़िम्मेदारी यही दी गई है। इसके अलावा भी कुछ भूमिकाएं हैं जिनका निर्वहन उपराष्ट्रपति को करना होता है। और अगर राष्ट्रपति का पद किसी वजह से ख़ाली हो जाए तो यह ज़िम्मेदारी उपराष्ट्रपति को ही निभानी पड़ती है। क्योंकि राष्ट्र प्रमुख के पद को ख़ाली नहीं रखा जा सकता। पदक्रम के आधार पर देखें तो उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति से नीचे और प्रधानमंत्री से ऊपर होता है।
भारत में अभी तक कितने उपराष्ट्रपति रहे हैं?
देश में आज उपराष्ट्रपति के लिए चुनाव हो रहा है। एम. वेंकैया नायडु से पहले देश में 12 उपराष्ट्रपति रहे हैं।
1- डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (मई 13, 1952 से मई 12, 1962)
2- डॉ जाकिर हुसैन (मई 13, 1962 से मई 12, 1967)
3- वी.वी. गिरि (मई 13, 1967 से मई 3, 1969)
4- गोपाल स्वरूप पाठक (अगस्त 31, 1969 से अगस्त 30, 1974)
5- बी डी ज़त्ति (अगस्त 31, 1974 से अगस्त 30, 1979)
6- एम हिदायतुल्ला (अगस्त 31, 1979 से अगस्त 30, 1984)
7- आर वेंकटरमन (अगस्त 31, 1984 से जुलाई 24, 1987)
8- डॉ शंकर दयाल शर्मा (सितम्बर 3, 1987 से जुलाई 24, 1992)
9- के.आर. नारायणन (अगस्त 21, 1992 से जुलाई 24, 1997)
10- श्री कृष्णकांत (अगस्त 21, 1997 से जुलाई 27, 2002)
11- भैरों सिंह शेखावत (अगस्त 19, 2002 से जुलाई 21, 2007)
12- मो. हामिद अंसारी (अगस्त 11, 2007 से अगस्त 10, 2017)
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