द लीडर। यूपी विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष रह गए है। ऐसे में जहां राजनीतिक पार्टी के नेता रैलियां कर जनता को अपनी उपलब्धियां और काम बता रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को ब्रज से मैदान में उतारने का आग्रह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में इस साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक विधायक सीट के लिए चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने अनुरोध किया है कि, वह पश्चिम में ब्रज से चुनाव लड़ें। जिसको लेकर हरनाथ सिंह यादव, जो कि मथुरा क्षेत्र के ही रहने वाले हैं, उन्होंने इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को पत्र लिखा है। और सीएम योगी को मथुरा से उम्मीदवार बनाने का आग्रह किया है।
‘सपने में आए थे द्वारकाधीश’…
भाजपा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र के बारे में बताते हुए सांसद हरनाथ सिंह ने कहा कि, कल रात दो बार मेरी आंख खुली। ऐसा लगा कि द्वारकाधीश स्वयं मुझसे कह रहे हैं कि, आप भाजपा अध्यक्ष और भगवान कृष्ण के बीच में मध्यस्थता का काम करिए। भगवान कृष्ण की इच्छा को आदेश मानते हुए मैंने भाजपा अध्यक्ष नड्डा को पत्र लिखा। यह सत्य है कि, ब्रज क्षेत्र का प्रत्येक कण चाहता है कि, योगी आदित्यनाथ मथुरा से चुनाव लड़ें।
यह भी पढ़ें: हमीरपुर में शराब का जखीरा बरामद : विधानसभा चुनाव में खपाने के लिए बनाई जा रही थी शराब
जानिए हरनाथ सिंह ने अपने पत्र में क्या लिखा ?
अपने पत्र में राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह ने लिखा है कि, योगी आदित्यनाथ ने अपने कर्तव्य और चिंतन से प्रदेश में भारी प्रतिष्ठा अर्जित की है और प्रदेश वारियों की चिंतन की धारा बदल दी है। सीएम की तरफ से खुद यह ऐलान किया गया है कि, पार्टी जहां से कहेगी वहां से वह चुनाव लड़ेंगे। वैसे तो प्रदेश की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की इच्छा होगी कि, सीएम योगी उनके विधानसभा से चुनाव लड़ें। लेकिन मैं बहुत विनम्र शब्दों में निवेदन करना चाहता हूं कि, ब्रज क्षेत्र की जनता की विशेष इच्छा है कि, योगी भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा से चुनाव लड़ें और यह पत्र मुझे खुद भगवान श्रीकृष्ण ने लिखने के लिए प्रेरित किया है।
सीएम योगी अभी विधानपरिषद के सदस्य हैं
फिलहाल, सीएम योगी अभी विधानपरिषद के सदस्य हैं। कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ने कहा था कि, उनके चुनाव लड़ने पर कोई संशय नहीं है लेकिन वह चुनाव कहां से लड़ेंगे इस बात का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। साल 1998 से लेकर मार्च 2017 तक वह गोरखपुर सीट से सांसद रहे हैं। चर्चा उनके गोरखपुर की किसी सीट से भी चुनाव लड़ने की है।
यूपी में आसान नहीं है बीजेपी की राह
योगी आदित्यनाथ के इस कदम को एक गेम चेंजर के रूप में देखा जा रहा है, जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस फैसल ने पूरे पूर्वी यूपी में बीजेपी के लिए लाभ सुनिश्चित किया था। राज्य में इस साल फरवरी-मार्च में चुनाव होने हैं। कई चुनाव सर्वे ने बीजेपी के लिए जीत की भविष्यवाणी की है। लेकिन सीट शेयर का एक बड़ा नुकसान भी दिखाया है। जिसका सीधा फायदा समाजवादी पार्टी को होने वाला है। दूसरी ओर, कांग्रेस को एक और चुनावी हार का सामना करना पड़ सकता है और सीटों के दो अंकों के अंक तक पहुंचने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
यह भी पढ़ें: 15-18 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण : गुजरात सरकार ने लाभार्थी बच्चों से की बात, इसी महीने होगा मेगा ड्राइव