UP : माधवगंज रही अनुसूचित जाति आयोग की टीम फिर भी घोड़ी नहीं चढ़ पाए अलखराम

द लीडर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डॉ. अंजू बाला पूरे लाव-लश्कर के साथ यूपी के महोबा जिले के माधवगंज गांव में रहीं. इसके बावजूद अनुसूचित जाति के अलखराम घोड़ी नहीं चढ़ पाए. बल्कि उलटे, उन्हें अपना ब्याह टालना पड़ गया. इसलिए क्योंकि उनकी मंगेतर के नाबालिग होने का आरोप मढ़ दिया गया. लड़की, मां-बाप और अलखराम, सबने मंजूबाला को यही बताया कि लड़की बालिग है. आरोप है कि नाबालिग से शादी करने पर उन्हें कार्रवाई का डर दिखाया गया था.

अलखराम अनुसूचित जाति के हैं. आज यानी 18 जून को उनकी शादी होनी थी. अलखराम की एक ख्वाहिश थी कि शादी में घोड़ी चढ़कर जाएंगे. इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी. जिसमें कहा था, ‘बुंलेदखंड में ऐसा कोई राजनीतिक संगठन या पार्टी है जो दलित को घोड़ी चढ़ने का अधिकार दिला सके.”


Bihar Politics : जेपी आंदोलन से उभरे एक ऐसे नेता, जिन्होंने कभी घुटने नहीं टेके


 

अलखराम की ये पोस्ट वायरल हो गई थी. और घोड़ी चढ़ेंगे अलखराम ट्वीटर पर ट्रेंड करने लगा. तमाम राजनीतिक दलों ने उनकी इस मुहिम का साथ दिया. दरअसल, गांव के कुछ लोग अलखराम के घोड़े चढ़ने का विरोध कर रहे थे. इसको लेकर उन्होंने 2 जून को पुलिस में शिकायत भी की थी. एक शिकायत अनुसूचित जाति आयोग में भी की. इसी मामले में उनकी शादी से एक दिन पहले राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से डॉ. अंजू बाला, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य तरुण खन्ना गुरुवार को माधवगंज पहुंचे थे.

अलखराम, उनके परिवार से बात की. लड़की वालों से भी बात की. दोनों परिवारों ने आयोग की टीम को बताया कि उनकी लड़की बालिग है. उसकी उम्र 20 साल से कम नहीं होगी. मेडिकल करा सकते हैं. लड़की ने भी बताया कि वह बालिग हैं और पंचायत चुनाव में वोट भी डाला है. लेकिन परिवारों ने इस डर में शादी टाल दी कि, जो लोग नाबालिग बता रहे हैं. वे हम पर कार्रवाई करवा देंगे.

यह सब तब हुआ, जब दोनों परिवारों में शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थीं. मेहमान आने लगे थे. लेकिन शादी टालनी पड़ गई. इस रंज में लड़की और अलखराम की मां बुरी तरह रो रही थीं. डॉ. अंजू बाला ने पूरे मामले को समझने के बाद जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और एसपी सुधा सिंह के साथ बैठक की. और इस मामले की गहनता से जांच कर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.

दोनों परिवारों से ये भी कहा कि अगर वह चाहें तो शादी से पहले की रस्म कर सकते हैं और इसमें अलखराम घोड़ी चढ़कर जा सकते हैं. आयोग के सदस्यों ने ग्रामीणों से भी बात की, जिसमें उन्होंने अलखराम के घोड़ी चढ़ने से किसी तरह की दिक्कत न होने की बात कही. हालांकि ग्रामीणों को कोई दिक्कत है या नहीं. ये अलखराम की शादी टलने से ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

द लीडर से क्या बोले थे अलखराम

द लीडर से बातचीत में अलखराम ने कहा था कि ”मैंने पुलिस प्रशासन को इसकी लिखित सूचना दी. 1 जून को मैंने थाना प्रभारी और 2 जून को एसपी को मामले की जानकारी दी. इसके बाद मैंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके राजनीतिक पार्टियों से मदद की गुहार लगाई.

फिर राजनीतिक पार्टियां आने लगी. भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष आए और उन्होंने मदद का आश्वासन दिया. फिर कांग्रेस, सपा और भाजपा के विधायक का भी हर संभव मदद के लिए फोन आया था.
मामले में पुलिस का रिस्पांस कैसा रहा, इस सवाल का जवाब देते हुए अलखराम ने बताया कि थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया है कि बरात निकासी में मैं घोड़ी पर चढ़कर जा सकता हूं और मेरे साथ पुलिस प्रशासन है.”

ये सोचकर बहुत दुख होता है कि हिंदू भाई ही हमारा विरोध कर रहे हैं

”गांव में कौन दबंग लोग धमकी दे रहे हैं, ये सवाल पूछने पर अलखराम ने बताया कि है तो हिंदू भाई ही, मगर जाति में कुछ यादव और कुछ परिहार (क्षत्रिय) से ताल्लुक रखते हैं. हमारे हिंदू भाई ही हमारा विरोध कर रहे हैं ये सोचकर बहुत दुख होता है. एक समय था राजा-महाराजा का, जब अनुसूचितों पर अत्याचार होते थे. मगर आज हम आजाद देश में रहते हैं. संविधान में सभी को समान अधिकार दिए गए हैं.”

दिल्ली में प्राइवेट जॉब करते हैं अलखराम

अलखराम ने इंटरमीडिएट तक की शिक्षा हासिल की है. वह दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी जॉब करते हैं. फिलहाल वह शादी की तैयारियों को लेकर गांव में रह रहे हैं. उनके परिवार में माता-पिता के अलावा एक छोटा भाई है. उनकी तीन बहनें भी है, सभी की शादी हो चुकी है.

माधवगंज में है करीब 900 लोगों की आबादी

माधवगंज गांव की बात करें तो वहां करीब 900 लोगों की आबादी रहती है. इसमें सबसे ज्यादा यादव बिरादरी के लोग रहते हैं. इसके अलावा परिहार यानी ठाकुर बिरादरी के परिवार भी काफी संख्या में रहते हैं. इस गांव में अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या करीब 100 है.

Abhinav Rastogi

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…