द लीडर : हिंदुस्तानियों की काबिलियत का लोहा पूरी दुनिया मानती और जानती है. अपने टैलेंट के दम पर वे विश्व का दिल जीत रहे हैं, या यूं कि उनके हुनर पर दुनिया फिदा है. पीए इब्राहीम हाजी भी उनमें से एक हैं, जिन्होंने भारत से निकलकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE)में ऐसा करिश्मा कर दिखाया, जिस पर भारत ही नहीं खाड़ी को भी नाज है. अफसोसनाक खबर ये है कि 78 साल की उम्र में इब्राहीम हाजी हमारे बीच नहीं रहे. दिल का दौरा पड़ने से उनका इंतकाल हो गया. (Ibrahim Haji Passes Away)
इब्राहीम हाजी केरल के कासरगोड में 6 सितंबर 1943 को पैदा हुए. पिता का टैक्सटाइल का कारोबार था. इब्राहीम ने ऑटोमाेबाइल में डिप्लोमा किया. और किस्मत आजमाने के लिए यूएई पहुंच गए. वहां जी-तोड़ मेनहत की. देखते ही देखते इब्राहीम मुकद्दर के सिंकदर बन गए. उन्होंने यूएई में मशहूर भारतीय बिजनेसमैन के तौर पर पहचान बना ली.
वह पेस एजुकेशन ग्रुप के संस्थापक हैं. 1999 में उन्होंने यूएई में शैक्षिक संस्थान की बुनियाद रखी. इसके अलावा वह इंडस मोटर कंपनी के भी संस्थापक हैं. और मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के सह-अध्यक्ष के साथ प्रमुख निवेशक भी. (Ibrahim Haji Passes Away)
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एक सफल कारोबारी के अलावा उनकी जो बड़ी पहचान है, वो एक समाजसेवी और दानवीर की है. इब्राहीम हाजी ताउम्र पिछड़े और कामगारों के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की कोशिशों में लगे रहे.
आपको बता दें कि उनके पेस एजुकेशन ग्रुप ने छह बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया है. जिसे इब्राहीम हाजी ने भारत को समर्पित किया. (Ibrahim Haji Passes Away)
कुछ दिन पहले ही यूएई में उन्हें दिल का दौरा पड़ा था. दुबई में सर्जरी हुई. लेकिन वह ठीक नहीं हो पाए. आखिर में उन्होंने अपने वतन आने का इरादा किया. एयर एंबुलेंस के जरिये उन्हें कोझीकोड लाया गया. जहां एम्स में इलाज के दौरान वह दुनिया को अलविदा कह गए.