इमरान के लिए सिरदर्द बना टीएलपी पुलिस वाले बंधक,हिंसक झड़पें, सोशल मीडिया पर पाबंदी

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लाहौर ।

पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शनों को देख फ्रांस ने अपने नागरिक वापस बुला लिए, फो दिन पहले सोशल मीडिया पर भी पाबंदी लग गई लेकिन इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के हिसंक प्रदर्शन जारी हैं। रविवार को पुलिस कार्रवाई में संगठन के तीन कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए।
फ्रांस में पिछले साल ईश निंदा वाले एक कैरीकेचर के प्रकाशन को लेकर वहां के राजदूत को निष्कासित करने की मांग को लेकर संगठन ने हिंसक प्रदर्शन कर रहा है, सब संगठन के नेता साद हुसैन रिज़वी की रिहाई भी उनका मुद्दा है।
रेंजर्स और पुलिस ने रविवार की सुबह लाहौर में टीएलपी के मुख्यालय पर कार्रवाई शुरू की ताकि वहां इकट्ठे हजारों कार्यकर्ताओं को हटाया जा सके। इन लोगों ने मुख्य मुल्तान रोड को जाम कर दिया था।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई को बताया कि अभियान के दौरान टीएलपी के तीन कार्यकर्ता मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए। जख्मी होने वालों में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी सहित कई पुलिसकर्मी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ”टीएलपी के समर्थकों की संख्या हजारों में थी इसलिए रेंजर्स और पुलिस उन्हें तीन घंटे के अभियान में नहीं हटा पाई। पुलिस ने और अधिक जान जाने की आशंका के कारण अभियान समाप्त कर दिया।
अभियान के दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उमर फारूक बलोच को बंधक बनाकर उनके साथ मारपीट की। टीएलपी की तरफ से जारी वीडियो संदेश में बलोच ने इमरान खान सरकार से अपील की कि साथी मुस्लिमों की हत्या नहीं करें और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए उनकी सरकार द्वारा टीएलपी के साथ किए गए समझौते का पालन करें।
पुलिस अभी तक टीएलपी के कब्जे से बलोच को नहीं छुड़ा पाई है और वार्ता जारी है। पंजाब पुलिस के प्रवक्ता राणा आरिफ ने भी कानून लागू करने वाली एजेंसियों के अभियान में तीन लोगों की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कई पुलिस अधिकारियों के साथ टीएलपी कार्यकर्ताओं ने मारपीट की।

11 पुलिसकर्मियों को बनाया बंधक

इस्ला्माबाद। पाकिस्तान में प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-लब्बेक पाकिस्तान (टीएलपी) का दुस्सायहस लगातान बढ़ रहा है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद इस संगठन ने 11 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। हालांकि बाद में इन्हें छोड़ भी दिया गया। देश के आतंरिक मंत्री शेख राशिद ने सोमवार को बताया पहले चरण की वार्ता के बाद टीएलपी ने लाहौर में बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को छोड़ दिया है।
इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद देश के कई हिस्सों में जबरदस्त हिंसा देखने को मिली थी। इतना ही नहीं इस संगठन को प्रतिबंधित किए जाने का विरोध ब्रिटेन तक में दिखाई दिया था। शेख ने अपने एक वीडियो मैसेज में बताया है कि पहले राउंड की वार्ता बेहतर रही है अब दूसरे दौर की वार्ता होगी। छोड़े गए सभी पुलिसकर्मियों को रहमातुल लिल अलामीन मस्जिद (यतीम खाना चैक) में भेजा गया है, वहां पर पुलिस भी पहुंच गई है।
पाकिस्ता न के अखबार द डॉन की खबर के मुताबिक आंतरिक मंत्री ने उम्मीईद जताई है कि दूसरे दौर की वार्ता के बाद प्रतिबंधित संगठन के साथ उभरे सभी विवादित मुद्दों को सुलझा लिया जाएगा। उनके मुताबिक पंजाब की सरकार ने इस मसले को बखूबी सुलझाया है। सरकार ने टीएलपी की इस करतूत के खिलाफ एक मामला आतंक निरोधक कानून के तहत दर्ज कराया है। एक बयान में लाहौर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया है कि लाहौर के सीसीपीओ गुलाम महमूद डोगर ने पुलिसकर्मियों को रिहा कराने के इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। प्रवक्ता के मुताबिक पुलिसकर्मियों समेत रेंजर्स को भी उन इलाकों में तैनात किया गया है जो अधिक संवेदनशील हैं।

टीएलपी ने इन पुलिसकर्मियों को बुरी तरह से टॉर्चर किया है। जिन लोगों को बंधक बनाया था उनमें एक डीएसपी भी शामिल था। पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉक्टरर फिरदौस आशिक अवान ने बताया है कि मरकज से टीएलपी ने एक डीएसपी समेत 12 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था। सरकार ने जिस तरह से इस मसले को हैंडल किया है उसके खिलाफ रुइत्तन ए हिलाल के पूर्व प्रमुख मुफ्ती मुनीब्बुयर रहमान ने देश व्याडपी हड़ताल करने का आहृवान किया है। उन्होंने देश की राजनीतिक पार्टियों से भी इसको समर्थन देने की अपील की है।

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