द लीडर हिंदी, लखनऊ। एक तरफ जहां सभी राजनीतिक दल मिशन 2022 की तैयारियों में जोरों शोरों से जुटे हुए हैं. इसके साथ ही जनता को लुभाने के लिए तरह-तरह के वादे और विकास कार्यों को करने का आश्वासन दे रहे है. वहीं कई पार्टियां तो फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए अपनी उपलब्धियां जनता को गिना रही है. इसके साथ ही सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विपक्ष कई मुद्दों को लेकर मोर्चा खोले हुए है कि, सरकार ने जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया है. लेकिन सरकार कहती है कि, उन्होंने काफी काम किया. जिससे जनता को राहत मिली है. लेकिन क्या आप जानते है कि, सूबे की राजधानी लखनऊ की हालात ऐसी है कि, आप खुद तस्वीरें देखकर अंदाजा लगा सकेंगे कि, जमीनी स्तर पर सरकार ने कितना काम किया है.
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बारिश ने खोली पोल, इन रास्तों पर चलना हुआ दूभर
वैसे तो उत्तर प्रदेश में जुलाई और अगस्त महीने में अनुमान के मुताबिक, काफी कम बारिश हुई है, लेकिन जितनी भी बारिश हुई है उसने सरकार की पोल खोल दी है. इसके साथ ही राजधानी लखनऊ के लोगों के लिए मुसीबत बढ़ा दी है। एक तरफ जहां बारिश होने से लोगों को भीषण गर्मी और उमस से राहत मिली है तो वहीं खुदी पड़ी सड़कें और सड़कों पर हुए गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं। राजधानी लखनऊ के कई इलाके ऐसे हैं जहां सीवर का काम चल रहा है या फिर सीवर का काम खत्म हो गया है, लेकिन सड़कों को वैसे ही मिट्टी डाल के पाट दिया गया है। जिससे बारिश में इन रास्तों से गुजरने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और यहां हुए गड्ढे हादसों को दावत देते रहते हैं। लेकिन शिकायतों के बावजूद यहां अभी तक कोई काम नहीं हुआ है.
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वीआईपी सहारागंज मॉल के चारों तरफ खुदी है सड़कें
बता दें कि, लखनऊ के सबसे वीआईपी इलाकों में शुमार हजरतगंज स्थित सहारागंज मॉल के तीनों तरफ सड़क की खुदाई और सीवर लाइन का काम चल रहा है, बारिश की वजह से इस रास्ते पर चलना दूभर हो गया है, लेकिन जिम्मेदार अफसर आंख, कान बंदकर बैठे हुए हैं। कुछ स्थान पर सीवर लाइन का काम खत्म होने के बाद भी सड़क पूरी तरह से मिट्टी में तब्दील हो गई है जो बारिश में और भी बर्बाद हो गई है। इस रास्ते से हजारों लोगों को रोज आना जाना होता है।
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बदहाल हुआ मोती महल से मेडिकल कॉलेज जाने वाला मार्ग
हजरतगंज स्थित मोती महल के सामने ब्रिज तक सीवर लाइन का काम कई महीनों से चल रहा है, सीवर लाइन बिछ भी गई है लेकिन उसके बाद बर्बाद हुई सड़क को जिम्मेदार बनाना भूल गए। अगर बारिश में उधर से गुजरेंगे तो जान हथेली पर रखकर निकलना पड़ेगा क्योंकि पता नहीं कब आप हादसे का शिकार हो जाएं।
कमिश्नर ऑफिस और परिवहन विभाग दफ्तर के सामने का मार्ग भी बेहाल
तस्वीरें देखकर तो आप समझ गए होंगे कि, राजधानी के पॉश इलाकों का क्या हाल है. वहीं इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है मंडल के सबसे बड़े अफसर लखनऊ के मंडलायुक्त कार्यालय से लेकर मेडिकल कॉलेज मोड़ तक सीवर लाइन का काम काफी दिनों से चल रहा है। यहां की एक तरफ की सड़क पूरी तरह से बंद कर दी गई है। दूसरी ओर से दोनों तरफ के वाहन निकलते हैं, यहां काम कब पूरा होगा ये कोई नहीं जानता, क्योंकि पिछले कई महीने से यहां सीवर बिछाने का काम चल रहा है और अफसर भी इसे देख रहे हैं। इस रास्ते से आम इंसान तो चलता ही है लेकिन प्रदेशभर के गंभीर मरीज भी मेडिकल कॉलेज आते हैं जिन्हें इस रास्ते से दो चार होना पड़ता है।
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कैसरबाग का व्यस्ततम रोड भी खस्ताहाल
लखनऊ की सबसे व्यस्ततम चारबाग रेलवे स्टेशन से कैसरबाग तक जाने वाले रोड के साथ ये व्यापारिक इलाका भी है। इस रास्ते की सड़कें बीच डिवाइडर से खुदी पड़ी हैं। मुसीबत तो पहले से ही थी लेकिन बारिश के मौसम में ये और बढ़ गयी है, खोदे गए गड्डे में पानी भर जाता है और यह स्तिथियां हादसों को दावत दे रही है। बरसात में तो यहां स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है जब रोड में जलभराव होने से लोग यह समझ नहीं पाते की कहां गड्ढे हैं और कहां सड़क और लोग उसमें गिरकर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं।
बारिश से उखड़ी सड़कें
लखनऊ में बारिश से कई इलाकों की मुख्य सड़कें भी उधड़ गई हैं जिससे राहगीरों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे आप गोमती नगर से विस्तार की ओर जाएं या फिर गोमती नगर से गंज की तरफ आपको गड्ढे और खस्ताहाल सड़कों से ही होकर गुजरना पड़ेगा। ये हाल जब वीपीआई इलाकों का है तो आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि पुराने लखनऊ का क्या हाल होगा. जहां सकरी सड़कें और गलियां है, सड़क पहले से ही खराब हैं।
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