अगर आपको कभी 34 घंटों तक लगातार ट्रेन का सफर करना पड़े तो कैसा लगेगा? उत्तर कोरिया में ऐसा ही हुआ मास्कों जा रहे रुसी राजनायिकों को 34 घंटे तक लगातार ट्रेन का सफर करना पड़ा। आखिर डिप्लोमेट के साथ ऐसा कैसे हुआ? साथ ही उत्तर कोरिया धीमी गति की ट्रेन सर्विस के बारे में चर्चा हो रही है। हालांकि, दुनियाभर में सबसे धीमी गति की ट्रेन का दर्जा स्विट्जरलैंड की ग्लेशियर एक्सप्रेस को दिया जाता है।
वैसे होने को तो यह एक्सप्रेस ट्रेन हैं लेकिन इसकी गति बाकी ट्रेनों से बहुत कम है। यह ट्रेन 290 किलोमीटर की दूरी तो तय करने में करीब 10 घंटे का समय लेती है। जिस वजह से यह ट्रेन दुनिया की सबसे धीमी रफ्तार वाली ट्रेन है।
बता दें कि ऊंची पहाड़ियों के बीच इस ट्रेन की शुरुआत साल 1930 में हुई थी। शुरुआती दिनों में ये ट्रेन केवल गर्मियों के मौसम में चलती थी, क्योंकि बर्फीली पहाड़ियों में कोई आता-जाता नहीं था। उस समय इस ट्रेन में पैंसेजर डिब्बे लगाए गए थे, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत होती थी। ऊंची पहाड़ियों के बीच गुजरते हुए यात्रियों को टॉयलेट तक की सुविधा नहीं मिलती थी। हालांकि, समय के साथ-साथ इसमें कई तरह के सुधार किया गया।
वैसे धीमी रफ्तार की ट्रेन होना, कोई गर्व की बात तो नहीं है, लेकिन इसे ये दर्जा मिलने के बाद स्विस लोगों से लेकर दुनियाभर के पर्यटक इसका अनुभव लेने आने लगे हैं। ट्रेन से यात्रा के दौरान लगभग 290 किलोमीटर के रास्ते में जहां हरी-भरी या बर्फीली पहाड़ियां दिखती हैं। वहीं 91 सुरंगें और 291 पुल भी रास्ते में आते हैं।