कुंभ समापन की घोषणा पर संत एकमत नहीं,सरकार जारी रखने के पक्ष में

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लीडर हरिद्वार (उत्तराखंड)।

कुंभ पर तीसरे शाही स्नान के साथ ही कुम्भ समाप्ति की घोषणा पर कुछ संत और मेला प्रशासन राजी नहीं हो रहे हैं। मेलाधिकारी से साफ कह दिया कि सारी व्यवस्थाएं 30 तक रहेंगी जबकि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद इसे परंपरा के खिलाफ बता रहे हैं।
निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़े द्वारा कुंभ समापन की घोषणा से साधु संत नाराज नजर आ रहे हैं बैरागी अखाड़ों के बाद शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने भी कुम्भ समापन की घोषणा पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा किसी व्यक्ति विशेष या संस्था के कहने पर कुम्भ समापन नहीं हो सकता है कुंभ का आयोजन ग्रह और नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है ।
निरंजनी अखाड़े के सचिव महन्त रविंद्र पुरी महाराज कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं उनके अलावा अखाड़े के 17 संत कल तक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। कल शाम ही अखाड़े में 2 महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक हुआ। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े में जिसमें अखाड़े के आचार्य कैलाशनन्द गिरि महाराज सहित प्रमुख संतों ने भाग लिया था । यहां कड़ी भोज का आयोजन कर बाहर से आये संतों को जाने का संदेश दे दिया गया। बाद में आचार्य कैलाशानंद ने निरंजनी और आनंद अखाड़े की ओर से घोषणा कर दी कि 17 के बाद वे अपनी छावनी हटा लेंगे।
निरंजनी अखाड़े के ही श्री महंत एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज पहले से ही कोरोना पॉजिटिव चल रहे हैं ।
महंत रविंद्र पुरी ने अखाड़े में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का आवाहन किया कि वह कुंभ के निमित्त हरिद्वार ना आए।
आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े के कुंभ की समाप्ति की घोषणा की उन्होंने कहा कि चैत पूर्णिमा का स्नान अखाड़े के स्थानीय संत प्रतीकात्मक रूप में करेंगे।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय मtहामंत्री श्री महंत हरिगिरि ने कहाकि जिन आखाड़ों ने अपने अपने कुंभ की समाप्ति की घोषणा की है, वह उसका स्वागत करते हैं । बतौर आखाड़ा परिषद महामंत्री वह सरकार को पहले ही लिखकर दे चुके हैं कि संक्रमण बढ़ने पर आखाड़े प्रतीकात्मक स्नान करेंगे

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