रामपुर : हाफिज साहब दरगाह के सज्जादानशीन फरहत जमाली जेल से रिहा हो गए हैं. उन्हें सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जुड़े एक मामले में बीती 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. तब जब सज्जादानशीन ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया था. हालांकि पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह आंदोलन के दौरान हिंसा में आरोपी थे. (Sajjadanshin Released CAA NRC Farmers Movement)
सज्जादानशीन फरहत जमाली ने 11 दिसंबर को नबीरे आला हजरत और आइएमससी के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें दावा किया था कि किसान आंदोलन को समर्थन देने पर पुलिस ने उनके साथ गलत व्यवहार किया है. मौलाना तौकीर रजा खां ने कहा था कि अगर पुलिस ने सज्जादानशीन पर गलत कार्रवाई की तो आंदोलन करेंगे. इस कांफ्रेंस के अगले दिन ही सज्जादानशीन को गिरफ्तार कर लिया था.
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तब अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने अपने बयान में कहा था कि रामपुर में 21 दिसंबर 2020 को जो बवाल हुआ था, उसमें बाजोड़ी टोला निवासी फरहत जमाली मुख्य साजिशकर्ता हैं. इससे पहले पुलिस ने फरहत जमाली समेत रामपुर के पांच प्रमुख उलमा को नोटिस जारी करके बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था.
दरअसल, दिसंबर 2019 में सीएए-एनआरसी के खिलाफ रामपुर में बड़ा जनादाेलन हुआ था, इसमें एक युवक की मौत भी हो गई थी. इसी मामले को लेकर पुलिस ने 2021 के फरवरी माह में सज्जादानशीन के खिलाफ कार्रवाई की थी. करीब 38 दिन बाद सज्जादानशीन को स्थानीय अदालत से जमानत मिल गई है.