मलेशिया में पुलिस ने इस्लामिक वेलफेयर होम्स पर मारा छापा, 402 बच्चों को आजाद कराया, यौन शोषण का संदेह

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द लीडर हिंदी : मलेशिया की पुलिस ने बुधवार को यौन शोषण से जुड़े एक बड़े मामले का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस्लामिक चैरिटी होम्स से कई नाबालिगों का रेस्क्यू किया है. इस्लामी तालीम के नाम पर बच्चों के यौन शोषण की घटना आए दिन सामने आती रहती है. लेकिन मलेशिया पुलिस ने इस्लाम के नाम पर चलने वाले ऐसे 20 चैरिटी होम्स का खुलासा किया है.पुलिस ने 20 इस्लामिक वेलफेयर होम्स पर छापा मारकर 402 बच्चों को आजाद कराया. इनमें 1 से 17 साल तक के 201 लड़के और 201 लड़कियां हैं.वही मलेशिया में पुलिस ने बुधवार को 402 नाबालिगों को शेल्टर होम्स से रेस्क्यू किया है.

आरोप है कि इन शेल्टर होम्स में नाबालिग बच्चों और किशोरों का यौन शोषण हुआ है. पीड़ितों की उम्र एक से 17 साल के बीच है. पुलिस ने सेलंगोर और नेगेरी सेम्बिलन राज्य के ऐसे 20 वेलफेयर होम्स में ऐसे छापे मारे है.इस मामले में 171 संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. जिसमें धार्मिक गुरु और केयरटेकर शामिल हैं.पत्रकारों से बातचीत में पुलिस इंस्पेक्टर जनरल रज़ारुद्दीन हुस्सैन ने बताया कि आरोप है कि पीड़ितों को अलग-अलग ढंग से प्रताड़ित किया गया है.

उनका यौन शोषण हुआ है. कथित तौर पर इन शेल्टर होम्स के तार एक इस्लामिक संस्था से जुड़े हैं .अभी के लिए पीड़ितों को कुआलालंपुर के पुलिस सेंटर में रखा जाएगा और उनका हेल्थ चेकअप होगा.मिली जानकारी के मुताबीक छापेमारी की कार्रवाई चैरिटी होम्स में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ जैसी घटनाओं की शिकायत मिलने की बाद की गई है.वही पोर्ट डिक्सन में चल रहे चैरिटी होम्स को लेकर यह शिकायत 2 सितंबर 2024 को मिली थी. इसके बाद 11 सितंबर को दो अलग-अलग राज्यों में चल रहे 20 इस्लामी चैरिटी होम्स पर छापेमारी कर 402 बच्चों को मुक्त कराया गया.

बतादें इन चैरिटी होम्स का संचालन ग्लोबल इखवान सर्विसेज एंड बिजनेस (GISB) नाम की कंपनी करती है. यह मलेशियाई कंपनी एक इस्लामी व्यापारिक समूह है और सुपर मार्केट के बिजनेस से जुड़ी है.वही कई देशों में इनका कारोबार फैला है. बतादें इस कंपनी का एक प्रतिबंधित मजहबी संगठन से भी जुड़ाव बताया जाता है. जिन बच्चों को छापेमारी के बाद बचाया गया है वे इसी कंपनी के कर्मचारियों के बताए जा रहे हैं. इन्हें जन्म के तुरंत बाद यहाँ भेज दिया गया था.

जीआईएसबी ने खारिख की यौन शोषण की खबरें

इस बड़े यौन शोषण की भंडाफोड़ खबरों को जीआईएसबी ने खारिज किया है. उन्होंने कहा है कि कंपनी किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं है और वे इस मुद्दे को सुलझाने के लिए पुलिस के साथ सहयोग करेगी. जीआईएसबी का संबंध जिस इस्लामी संगठन से बताया जाता है.

उसका नाम अल-अरकम है. इसे 1994 में मलेशिया की सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था.जीआईएसबी ने भी इस संगठन से रिश्ते कबूल किए हैं. लेकिन अब वह खुद को इस्लामी रवायतों पर आधारित एक इस्लामी समूह बताता है. यह कंपनी पिछली बार ‘ओबेडिएंट वाइव्स क्लब’ की स्थापना के बाद विवादों में आई थी. इस क्लब की स्थापना का मकसद बीवियों को अपने शौहर के लिए यौन गुलाम की तरह रहने के लिए प्रोत्साहित करना था.https://theleaderhindi.com/cpm-leader-sitaram-yechury-passes-away-breathed-his-last-at-the-age-of-72/