लखनऊ | बिहार के गोपालगंज जहरीली शराब कांड में एडीजे-2 लवकुश कुमार की अदालत ने 13 में से नौ दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। चार महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। अगस्त 2016 को गोपालगंज नगर थाना क्षेत्र के खजुरबानी में हुए इस कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी जबकि छह लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी।
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फैसला आने के बाद दोषियों के परिवारीजन अदालत परिसर में रोने लगे। कुछ लोगों ने हंगामा करने की कोशिश भी की। दोषियों के वकीलों का कहना है कि वे इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। पांच साल तक चले मुकदमे के बाद इस मामले में 26 फरवरी को 14 में से 13 लोगों को दोषी ठहरा दिया गया था। आज उन्हें सजा सुनाई गई।
यह थी पूरी घटना
अगस्त 2016 में खजुरबानी जहरीली शराब कांड में 19 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि छह लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी। इस घटना के बाद 16 और 17 अगस्त 2016 को गोपालगंज नगर थाना के वार्ड नंबर 25 खजुरबानी में पुलिस ने भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की थी। इस में जिसमें 14 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। लेकिन एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो जाने के कारण 13 अभियुक्त के विरुद्ध ट्रायल चल रहा था। मामले में पांच साल तक कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्षों की दलीलें सुनी गईं। 26 फरवरी को कोर्ट ने 13 अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा के लिए पांच मार्च का दिन मुकर्रर किया था।
जहरीली शराब से बर्बाद हो गए कई परिवार
अगस्त 2016 में हुई इस घटना के बाद कई परिवार बर्बाद हो गए। जिन परिवारों ने अपनों को खोया उनके लिए आगे का जीवन काफी कठिन हो गया। सरकार ने तब मारे गए लोगों के परिवारीजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा दिया था। कुछ परिवारों ने यह राशि बैंक में फिक्स कर दी जिससे मिलने वाले मामूली ब्याज से उनका घर चलता है। लेकिन ब्याज की यह राशि इतनी कम है कि बुनियादी जरूरतें भी पूरा करना मुश्किल होता है।
बर्खास्त हो गया था पूरा थाना
गोपालगंज में नगर थाना से सटे खजुरबानी कांड के बाद नगर थाना के सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। बाद में बिहार सरकार ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया। हालांकि पुलिसकर्मियों के बर्खास्तगी आदेश को चार फरवरी 2021 को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।