द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि दुनियाभर के देशों में महामारी से जान गंवाने वालों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. पिछले सौ साल में इस तरह की महामारी देखने को नहीं मिली थी.
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अनुभव से पता चलता है कि, कोई भी राष्ट्र, चाहे वह राष्ट्र कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, अकेले में इस तरह की चुनौती का समाधान नहीं कर सकता है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, महामारी की शुरुआत से ही भारत अपने सभी अनुभवों, दक्षता और संसाधनों को वैश्विक समुदायों के साथ इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में साझा करता रहा है. अपनी तमाम मजबूरियों के बावजूद हमने दुनिया के साथ ज्यादा से ज्यादा साझा करने की कोशिश की है.
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कोविड-19 महामारी के खिलाफ टेक्नोलॉजी हमारा अभिन्न हिस्सा
प्रधानमंत्री ने कहा कि, कोविड-19 महामारी के खिलाफ टेक्नोलॉजी हमारा अभिन्न हिस्सा है. सौभाग्य की बात है कि सॉफ्टवेयर एक ऐसा एरिया है जिसमें कोई बाधा नहीं है. इसलिए हमने तकनीकी रूप से संभव होते ही अपने कोविड ट्रेसिंग और ट्रैकिंग ऐप को ओपन सोर्स बना दिया.
Technology is integral to our fight against COVID-19.
Luckily, software is one area in which there are no resource constraints.
That's why we made our Covid tracing and tracking App open source as soon as it was technically feasible: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 5, 2021
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से उभरने के लिए वैक्सीनेशन एक उम्मीद है. हमनें शुरू से ही वैक्सीनेशन अभियान को डिजिटल माध्यम से जोड़ा है. हम सभी को एकसाथ मिलकर आगे बढ़ना होगा.
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प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता पूरे विश्व को एक परिवार मानती है. इस महामारी ने कई लोगों को इस दर्शन के मौलिक सत्य का एहसास कराया है. इसलिए, कोविड वैक्सैनेशन के लिए हमारा प्रौद्योगिकी मंच- जिसे हम CoWin कहते हैं, उसे ओपन सोर्स बनाने के लिए तैयार किया जा रहा है.