द लीडर : पैगंबर-ए-इस्लाम के किरदार पर विवादित किताब के लेखक, शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में एफआइआर दर्ज कराई है. पुलिस ने रिजवी पर भारतीय दंड संहिता (IPC)की धारा-153-ए, 153-बी, 295-ए, 504 और 501(1) के तहत केस पंजीकृत कर लिया है. ओवैसी ने हैदराबाद पुलिस कमिश्नर से रिजवी को गिरफ्तार किए जाने की मांग की है. (Owaisi FIR Wasim Rizvi)
16 नवंबर को ओवैसी हैदराबाद पुलिस कमिश्नर से मिले थे, जहां उन्होंने रिजवी के खिलाफ शिकायत की थी. ओवैसी ने कहा कि, रिजवी ने पैगंबर-ए-इस्लाम के चरित्र पर गलत बातें लिखी हैं. किताब को लेकर रिजवी के बयान भी आपत्तिजनक हैं. जिससे इस्लाम के मानने वालों के जज्बात को ठेस पहुंची है.
ओवैसी ने कहा कि रिजवी के बयान भारत में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का माहौल पैदा करने वाले हैं, जो अशांति पैदा करने का कारण बन सकते हैं.
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वसीम रिजवी ने जो किताब लिखी है, उसे पैगंबर का नाम दिया है. इसका विमोचन गाजियाबाद-डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने किया. रिजवी की तरह नरसिंहानंद भी अपनी बयानबाजी को लेकर विवादों में बने रहते हैं.
इसी किताब पर हंगामा मचा है. शिया और सुन्नी मुसलमान, दोनों रिजवी की किताब पर प्रतिबंध लगाने के साथ गिरफ्तारी की आवाज उठा रहे हैं. देश के कई हिस्सों में इसको लेकर प्रदर्शन भी हुए.
रजा एकेडमी ने भी मुंबई में रिजवी के खिलाफ केस दर्ज कराया है. तो दूसरी जगहों पर भी शिकायती पत्र दिए जा रहे हैं. इस किताब पर विवाद के बीच रिजवी ने एक वसीयतनामा लिखा है. जिसमें अपनी मौत के शरीर को चिता में जलाए जाने का फैसला किया.
वसीम रिजवी यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड के सदस्य हैं. इससे पहले 15 साल तक चेयरमैन भी रहे हैं. तीन दिन पहले ही चुनाव में अली जैदी शिया वक्फ बोर्ड के नए अध्यक्ष बने हैं.
इस्लाम, कुरान और मुसलमानों पर बयानबाजी को लेकर रिजवी अक्सर विवादों में घिरे रहते हैं. कभी मदरसा शिक्षा को आतंक को बढ़ावा देने वाला बताकर इस पर रोक की मांग करते हैं, तो कभी कुरान की 26 आयतों को हटाने का मुद्दा उछाले हैं.