द लीडर। उत्तर प्रदेश में अब सिख विरोधी दंगे के आरोपियों का बचना मुश्किल है. अब आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है. क्योंकि एसआईटी के डीजी ने CM योगी को रिपोर्ट सौंप दी है.
1984 में हुए सिख विरोधी दंगे की विवेचना जांच पूरी हो चुकी है. अब फ़ाइल गिरफ्तारी के पड़ाव पर पहुंच गई है. एसआईटी एक सप्ताह के अंदर ही धरपकड़ शुरू कर सकती है. बस अब कोर्ट के आदेश का इंतजार है.
1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में कानपुर में भी 127 लोग मारे गए थे. शासन के आदेश पर गठित एसआईटी तीन वर्षों से मामले की जांच कर रही है.
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दंगों के 11 मामलों की जांच पूरी
कानपुर में सिख विरोधी दंगों के 11 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है. विदेश जा चुके परिवारों की गवाही के बाद तमाम सबूत मिले हैं. सभी मामलों की जांच कर रही एसआईटी के डीजी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर विवेचना की रिपोर्ट सौंप दी.
रिपोर्ट सौंपने के बाद दंगाइयों की गिरफ्तारी को लेकर भी चर्चा हुई है. बता दें जी अब जल्द ही 60 आरोपितों को जेल भेजा जाएगा. इनमें पूर्व मंत्री का भतीजा, डेयरी मालिक और स्कूल संचालक समेत कई बड़े लोगों के नाम भी शामिल हैं.
75 साल की उम्र से ऊपर भी है आरोपी
बता दें कि, 3 साल पहले सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था. सिख विरोधी दंगे में 127 लोगों के मामलों की जांच एसआईटी ने की थी जांच पूरी होने के बाद धरपकड़ की तैयारी की जा रही है.
वहीं मामले की जांच में सामने आया है कि 67 आरोपित जीवित हैं. इसमें से 20 से ज्यादा लोगों की उम्र 75 साल से अधिक है. कई गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. यह जानकारी शासन की रिपोर्ट के साथ मे दी गई है.
वहीं पूरे मामले में डीआईजी एसआईटी बालेंदु भूषण का कहना है कि 11 मामलों की जांच शासन को सौंपी गई हैं. अब आगे जी करवाई की जाएगी.
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