उत्तराखंड: अब शादी में 25 लोग ही होंगे, हेल्पलाइन बढ़ेंगी, एम्बुलेंस के रेट तय होंगे

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द लीडर देहरादून : कोरोना काल में उत्तराखंड में अब शादियों में मेहमानों की अधिकतम सीमा 25 कर दी गई है। वहीं, इस संकट के समय में अपनी जान की परवाह किए बगैर सेवा कार्यों में लगी आशा वर्कर्स को एक-एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बैठक में ये बात बताई। उन्होंने कहा कि ग्रामीण बाजारों में भी बाजार खुलने के समय को जिलाअधिकारी अपने अनुसार घटा सकते हैं।

सचिवालय में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने डोर टू डोर सर्वे के निर्देश दिये।

इसके साथ ही 104 के अतिरिक्त सीएम हेल्पलाइन और पुलिस विभाग के कॉल कॉलसेंटर में फोन लाईनों की संख्या बढाने को कहा ।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कॉलसेंटर और हेल्पलाईन पूरी तरह से सक्रिय रहें और बेड, इंजेक्शन सम्बंधी जानकारी भी अपडेट रहे।

ऑक्सीजन के सिलेंडरों की संख्या बढ़ाने के लिये हर सम्भव कोशिश की जाए। इसमें विभिन्न संगठनों, उद्योगों की सहायता भी ली जा सकती है।

कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भोजन, पानी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने में कोई ढिलाई न हो। इसके साथ ही छोटे- छोटे स्थानों में सेनेटाइजेशन का काम किया जाए जहां संक्रमण की अधिक सम्भावनाएं हैं ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन प्लांटों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति और सभी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में फायर सेफ्टी सुनिश्चित की जाए।

कोविड टेस्ट होते ही तुरंत सभी को कोविड किट दिया जाए। सेंटरों और वैक्सीनैशन सेंटरों में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाए।
उन्होंने कहा कि ई-संजीवनी पोर्टल को और प्रभावी बनाते हुए प्रचारित किया जाए ताकि जन सामान्य उसका अधिक लाभ उठा सके।

होम आइसोलेशन में रहने वालों को मालूम होना चाहिए कि उन्हें किन बातों का ध्यान रखना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से आने वालों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसका पालन कड़ाई से हो।

सरकारी व निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की व्यवस्था को लगातार क्रास चैक करवाया जाए। संबंधित मरीजों और उनके परिजनों से इसका फीड बैक लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड मरीजों के लिए एम्बुलेंस की दरें निर्धारित की जाए ताकि ओवररेटिंग जैसी शिकायत ना हो।

दवाओं के कालाबाजारी को रोकने के लिए 147 एसटीएफ टीमें बनाई गई हैं। अभिसूचना तंत्र को मजबूत किया जाए।

सरकारी अस्पतालों के साथ ही प्राईवेट अस्पतालों में भी आक्सीजन बेड की उपलब्धता की व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जाए।
बॉर्डर में रेजिस्ट्रेशन क्यूआर कोड रीडर के जरिए करने और चेकिंग करने के निर्देश दिए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सूचना महानिदेशक रणबीर सिंह चौहान सहित वरिष्ठ अधिकारी व जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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