द लीडर हिंदी, कोलकाता। नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले में पश्चिम बंगाल के चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक की भूमिका पर कलकत्ता हाइकोर्ट में ही सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह निर्देश दिया.
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कलकत्ता हाइकोर्ट में हलफनामा दाखिल करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री, कानून मंत्री और पश्चिम बंगाल सरकार से कहा है कि, वे 28 जून तक कलकत्ता हाइकोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल करें.
ममता बनर्जी और मलय ने खटखटाया था SC का दरवाजा
कलकत्ता हाइकोर्ट की पांच जजों की बेंच ने प्रदेश की मुख्यमंत्री और कानून मंत्री का हलफनामा स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इसके बाद ममता बनर्जी और मलय घटक ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें फिर से हाइकोर्ट का रुख करने के लिए कहा है.
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SC asks West Bengal CM Mamata Banerjee, Law Min Moloy Ghatak&State govt to file their applications in Calcutta HC by June 28.
SC asked to file applications regarding their counter affidavits filed over allegations about their role on the day of TMC leader's arrest in Narada case pic.twitter.com/Db5AyyKhDa
— ANI (@ANI) June 25, 2021
कलकत्ता हाइकोर्ट में नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई 29 जून को होनी है. सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई के मद्देनजर हाइकोर्ट ने हियरिंग की तारीख बढ़ाकर 29 जून कर दी थी.
पांच जजों की बेंच करेगी सुनवाई
अब पांच जजों की बेंच नारद स्टिंग ऑपरेशन में रिश्वत लेने के आरोपी नेताओं के साथ ममता बनर्जी और मलय घटक की याचिका पर भी सुनवाई करेगी.
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सीबीआई ने ममता बनर्जी की कैबिनेट के दो मंत्रियों फिरहाद हकीम और सुब्रत मुखर्जी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर, जो पहले तृणमूल कांग्रेस में ही थे, को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था.
सीबीआई के कार्यालय में दिया था धरना, काटा हंगामा
इनकी गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी निजाम पैलेस स्थित सीबीआई के कार्यालय में धरना देने पहुंच गयीं थीं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई कार्यालय में धरना दे रहीं थीं और बाहर उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सैकड़ों समर्थक हंगामा कर रहे थे.
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ममता के समर्थकों ने सुरक्षाकर्मियों पर पत्थरबाजी की और सीबीआई कार्यालय में दाखिल होने की कोशिश की. इस दौरान राज्य पुलिस मूकदर्शक बनी रही. बाद में केंद्रीय बलों के जवानों को बुलाया गया, जिन्होंने बैरिकेडिंग करके स्थिति को नियंत्रित किया.
दूसरी तरफ, इन चार नेताओं की जमानत याचिका पर जब बैंकशाल कोर्ट परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई चल रही थी, तब प्रदेश के कानून मंत्री मलय घटक कोर्ट रूम में मौजूद थे.
सीबीआई का आरोप है कि, कानून मंत्री ने कोर्ट में पहुंचकर जज पर स्टिंग ऑपरेशन के आरोपित नेताओं को जमानत देने का दबाव बनाया.