द लीडर. यूपी के जिला बरेली में अपनी तरह का नया प्रदर्शन हुआ. आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ां की कॉल पर भारी भीड़ इस्लामिया इंटर कॉलेज के मैदान पहुंच गई. यह कहते हुए कि हम मरने के लिए आए हैं, हमें मार डालो लेकिन उन्हें मारने के लिए कोई नहीं आया. मौलाना और उनके बुलावे पर आया हुजूम यही शिकवा मन में लेकर जैसे आया था, वैसे लौट गया. यह कह गए कि जब उन्हें मारकर क़त्ल का एलान करने वाले अपनी प्यास नहीं बुझा लेते हम इस तरह का आयोजन हर जुमे यानी शुक्रवार को नमाज़ के बाद करते रहेंगे.
यह अनोखा प्रदर्शन हरिद्वार की धर्मसंसद का जवाब था, जिसमें यह कहा गया था कि 20 लाख मुसलमानों का क़त्ल-ए-आम किया जाना चाहिए. यहां और भी बहुत सी बातें हुई थीं. ज़हरीली भाषा का इस्तेमाल किया गया था. इसका व्यापक विरोध हुआ. बरेली में मौलाना तौक़ीर रज़ा के आवास पर मु्स्लिम धर्मसंसद का आयोजन करके यह फैसला लिया गया कि अगर वे 20 लाख मुसलमानों को मारकर उनके ख़ून से अपनी प्यास बुझाना चाहते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं.
जुमे के दिन इस्लामिया इंटर कालजे मैदान में 20 हज़ार की भीड़ इकट्ठा करने की बात कही गई. इस प्रदर्शन से कहीं माहौल ख़राब नहीं हो, इसके लिए पुलिस अफसरों ने हरकत में आकर मौलाना से उनके घर पर कई दौर की वार्ता की. मौलाना ने शर्त रख दी कि प्रर्दशन से एक दिन पहले तक अगर हरिद्वार की धर्मसंसद में ज़हरीली भाषा बोलने वाले सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है तो वह अपनी कॉल वापस ले लेंगे.
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तब प्रशासन ने उन्हें कोविड गाइडलाइन के तहत 300 लोगों के साथ प्रदर्शन की इजाज़त दे दी. भीड़ इससे ज़्यादा पहुंची. मौलाना तौक़ीर ने भीड़ को संबोधित करते हुए अपनी पुरानी बातों को दोहराने के साथ कई सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में कब हिंदू-मुसलमानों के बीच लड़ाई हुई है.
भगवान श्रीराम ने रावण को मारा. इसलिए कि उसने सीता मइया पर बुरी नज़र डाली. श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया और महाभारत की लड़ाई में पांडवों ने कौरवों पर विजय हासिल की. शिकवा जताते हुए कहा कि जिस तरह भगवान राम ने सीता मइया की इज़्ज़त पर हाथ डालने वाले रावण को मारा, रामभक्त अब ख़ामोश क्यों हैं, तब जबकि मुस्लिम लड़कियों को एप के ज़रिये सरेआम निलाम करने की कोशिश हो रही है.
इन ओछी हरकतों के ख़िलाफ़ जब तक बहुसंख्यक ख़ामोश रहेंगे, उन्हें अल्पसंख्यकों से लड़ाकर सियासी रोटियां सेकी जाती रहेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमान नौजवानों के गुस्से को रोकने के लिए एक यही हल था कि उन्हें साथ लेकर ख़ुद ही क़त्ल होने पहुंच जाएं, ताकि वे लोग ख़ून से प्यास बुझा लें, जो दंगा भड़काना चाहते हैं.
जाते-जाते मीडिया से बातचीत में एलान कर गए कि जब तक हमें मारा नहीं जाता या मारने की बात कहने वालों को गिरफ़्तार नहीं कर लिया जाता, हर जुमे को प्रदर्शन जारी रहेगा. मौलाना के प्रदर्शन के दौरान इस्लामिया मैदान के साथ शहर में विभिन्न रास्तों पर सुबह से ही भारी फोर्स तैनात कर दिया गया था.