नेपाल के 20 लाख मुसलमानों के बीच मिशन आला हजरत की शुरुआत, दरगाह से पैगाम ले गए उलमा

द लीडर : दरगाह आला हजरत पर पड़ोसी मुल्क नेपाल से हाजिरी देने आए उलमा के एक दल ने, नेपाल में सूफिज्म विचार के प्रचार की जरूरत पर जोर दिया है. नेपाल की राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के अध्यक्ष, सैयद गुलाम हुसैन ने कहा, भारत-नेपाल का जो रोटी और बेटी का सदियों पुराना रिश्ता है. उसे और मजबूत करना है. दरगाह आला हजरत, दुनिया भर के तमाम मुसलमानों का मरकज है. नेपाल में सूफिज्म पर कैसे काम हो. इसी मकसद से हम यहां आए हैं. (Mission Ala Hazrat Nepal )

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक करीब 3 करोड़ की आबादी वाले नेपाल में मुसलमानों की संख्या 1.164 मिलियन है. नेपाल के शिक्षा निदेशक रहे अब्दुर्रहूफ खान के मुताबिक आज की तारीख में ये संख्या कोई 20 लाख के आस-पास होगी.

 

अब्दर्रहूफ कहते हैं, नेपाल में मदरसा शिक्षा आधुनिकीकरण प्रोग्राम शानदार है. हमारे यहां के मदरसों का सिलेबस आधुनिक है. इंटरमीडिएट तक मदरसों में पढ़ाई के बाद छात्रों को यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल जाता है. इसके उलट भारत में बीए तक की पढ़ाई मदरसों में ही होती है. इसी का नतीजा है कि भारतीय मदरसों के छात्र, रोजगार में कम जा पाते हैं.

अब्दुर्रहूफ इस बात पर जोर देते हैं कि इंटर तक मदरसों में पढ़ाई के बाद छात्रों को यूनिवर्सिटी में शिक्षा हासिल करनी चाहिए. तभी वे विकास की मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे. बता दें कि यूपी में 5000 मदरसें, बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण न कराने की वजह से बंद होने की कगार पर हैं. (Mission Ala Hazrat Nepal )


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पत्रकारों से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान से जुड़े सवाल पर उलमा काउंसिल के अध्यक्ष सैयद गुलाम हुसैन ने कहा-हमें उनसे कोई मतलब नहीं है. हम नेपाल के नागरिक हैं. वहां से जुड़े मसलों पर आप हमसे बात कर सकते हैं. नेपाल के मुसलमान शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़कर विकास के रास्ते पर बढ़ रहे हैं.

चूंकि सूफिज्म का विचार भाई-चारे, शांति और मुहब्बत का संदेश देता है. इसलिए हम चाहते हैं कि नेपाल में इसका प्रचार-प्रसार हो. भारत में मॉब लिंचिंग को लेकर बोले-इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता. आपसी मुहब्बत-भाईचारा. यही इसकी पहचान है.

भारत ही नहीं बल्कि सभी देशों की सरकारों को इस बात पर खास ध्यान देना चाहिए कि, सामाजिक तानाबना मजबूत बना रहे. इसमें नफरत के लिए रत्ती भर भी जगह नहीं होनी चाहिए.

तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव और दरगाह आला हजरत से जुड़े मौलाना शहाबुद्​दीन रजवी ने कहा कि नेपाल के मुसलमानों का दरगाह से काफी गहरा और पुराना जुड़ाव है.

दरगाह के ही पैगाम पर नेपाल से उलमा, शिक्षाविदों का एक दल यहां हाजिरी देने पहुंचा है. नेपाल में दीनी शिक्षा, आधुनिक शिक्षा पर कैसे काम किया जाए. इस पर चर्चा हुई है.

नेपाल का ये दल रविवार की रात को दरगाह पहुंचा था. जहां उलमा की एक कांफ्रेंस हुई. इसमें दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने नेपाल से आए 10 उलमा को खिलाफत से नवाजा है. (Mission Ala Hazrat Nepal)


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आला हजरत के मदरसा मंजरे इस्लाम के शिक्षक मुफ्ती सलीम नूरी और मौलाना शहाबुद्​दीन, दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां के निर्देशन पर नेपाल में काम कर रहे हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा समय-समय पर राहत कार्य भी किए जा रहे हैं.

S. No.

District Muslim Population Percentage

1

Banke बांके 76188 20.49

2

Rautahat रौथाहट 106131 19.68

3

Kapilvastu कपिलवस्तु 93094 19.57

4

Mahottary महोत्तरी 74779 13.55

5

Parsa परसा 76536 15.45

6

Bara बारा 74925 13.39

7

Sunsari संसारी 68377 10.89

8

Rupandehi रूपंदेल्ही 62850 8.93

9

Dhanusha धनुशा 58048 8.69

10

Saptari सपतारी 47114 8.28

11

Sarlahi सरलाही 47427 7.45

12

Sirha सिरहा 41033 7.29

13

Morang मोरंग 40321 4.95

14

Nawalparasi नवलपारसी 22022 3.92

15

Jhapa झापा 18295 2.98

 

नेपाल के 74 जिलों में वैसे तो हर जगह मुसलमानों की आबादी है. लेकिन 15 जिले ऐसे हैं, जहां उनकी संख्या थोड़ी अधिक है. वर्ष 2009 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रौथाहट ऐसा जनपद है, जहां मुसलमानों की संख्या सर्वाधिक एक लाख से अधिक है. जिलेवार मुसलमानों की संख्या की टेबिल ऊपर दी गई है.

दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा कि उलमा का टीटीएस के पदाधिकारियों ने स्वागत किया. रात को कांफ्रेंस हुई थी. जिसमें दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा खां ने सभी पदाधिकारियों से मुलाकात की. और दुआओं से नवाजा.

Ateeq Khan

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