द लीडर हिंदी: देश में राजनीति जोरों पर चल रही है. चुनाव नजदीक है. और दल बदल कार्यक्रम चल रहा है. ऐसे में रूठे हुए लोगों को मनाने का सिलसिला जारी है. इसी दौड़ में निकल पड़े है अखिलेश यादव. बतादें जयंत जौधरी के में जाने की अटकलों पर अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चुप्पी तोड़ी है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के एनडीए में जाने को लेकर कहा कि जयंत चौधरी काफी सुलझे हुए हैं, वे बेहद पढ़े लिखे हैं.वे राजनीति को समझते हैं. मुझे उम्मीद है कि वे किसानों की लड़ाई को कमजोर नहीं होने देंगे.वही इस पर डिंपल यादव ने कहा कि तालमेल गड़बड़ाया तो इसके पीछे कोई वजह होगी.
बता दें रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की अटकलें 24 घंटे से चल रही हैं.वही बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा सत्र में शामिल होने से पहले ये बात कही. वही दूसरी तरफ नई दिल्ली में डिंपल यादव ने कहा कि जयंत चौधरी इंडी गठबंधन नहीं छोड़ेंगे. सपा के साथ अगर उनका तालमेल गड़बड़ाया तो इसके पीछे कोई वजह होगी.बता दें इससे पहले खबर आई थी कि आरएलडी और सपा के बीच सात लोकसभा सीटों पर समझौता हो गया है.
वही अब कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी महज चार लोकसभा और एक राज्यसभा सीट के लिए एनडीए में शामिल हो सकते हैं. जिसके बाद विपक्ष के गलियारों में भूचाल आ गया है. एक के बाद एक गठबंधन को छोड़कर जा रहे है.जिसका असर लोकसभा में काफी नुकासन दे सकता है.वही बुधवार सुबह सपा महासचिव शिवपाल यादव ने भी कहा था कि बीजेपी वाले मीडिया को भ्रमित कर रहे हैं.
जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. जयंत बड़े सेक्युलर हैं. वे हमारे साथ मिलकर बीजेपी को हराने का काम करेंगे. खबर है कि बीजेपी ने जयंत चौधरी को मुजफ्फरनगर समेत वेस्ट यूपी में चार लोकसभा और एक राज्यसभा सीट देने का ऑफर दिया है। कहा जा रहा है कि जयंत चौधरी जल्द ही एनडीए में शामिल हो जाएंगे..
सपा से आरएलडी ने मांगी थी 12 सीटें
जयंत की सपा मुखिया अखिलेश यादव से1 9 जनवरी को लखनऊ में मुलाकात हुई थी. इसके बाद अखिलेश ने रालोद को सात सीटें दिए जाने की घोषणा की थी.
हालांकि, सीटें कौन सी होंगी, यह पूरी तरह तय नहीं हो पाया था. सूत्रों की मानें तो आरलडी ने 12 सीटें मांगी थीं. उसमें भी मुजफ्फरनगर, बिजनौर और कैराना सीटों पर अखिलेश चाहते थे कि सपा के नेता रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ें. जयंत इसके लिए तैयार नहीं थे. माना जा रहा है कि इसी को लेकर सपा से रालोद की रार बढ़ी है.