द लीडर : पत्रकार सिद्दीक़ी कप्पन को सुप्रीमकोर्ट से ज़मानत मिल गई है. वह पिछले 704 दिनों से यूपी की हाथरस जेल में बंद हैं. कप्पन के ख़िलाफ़ ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA)के तहत मामला दर्ज किया गया था. शुक्रवार को सर्वोच्च अदालत ने कप्पन की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें ज़मानत दे दी. (Journalist Siddique Kappan Gets Bail)
सिद्दीक़ी कप्पन मूलरूप से केरल के रहने वाले हैं और पेशे से पत्रकार. वह क्षेत्रीय भाषाओं के समाचार पत्र-पत्रिकाओं और डिज़िटल वेंचर के लिए लिखते रहे हैं. 14 सितंबर 2020 को यूपी के हाथरस में एक दलित युवती के साथ दुष्कर्म के बाद मौत का मामला सामने आया था. जिसकी रिपोर्टिंग के लिए कप्पन पांच अक्टूबर को 2020 को हाथरस जा रहे थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था. कप्पन के साथ अतीक़ुर्रहमान और एक अन्य थे.
कप्पन के ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया था. इस आरोप में कि वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े रहे हैं. और हाथरस के बहाने देशविरोधी और सामाजिक टकराव की नीयत से हाथरस जा रहे थे.(Journalist Siddique Kappan Gets Bail)
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तब से कप्पन हाथरस जेल में बंद हैं. हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो सुप्रीमकोर्ट गए. सुप्रीमकोर्ट ने कप्पन की याचिका पर 9 सितंबर को सुनाई की तारीख़ मुक़र्रर कर रखी थी.
शुक्रवार को चीफ़ जस्टिस यूयू लित की अगुवाई वाली वेंच ने कप्पन की याचिका पर सुनवाई की. कप्पन की तरफ़ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा कि क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था? यूपी सरकार की ओर से महेश जेठमलानी ने कहा कि कप्पन के पास प्रेस पंजीकरण का कोई कार्ड नहीं था. कुछ साहित्य और दंगा कराने के लिए 45000 हज़ार रुपये, जो उन्हें दिए गए थे, वो बरामद हुए हैं. (Journalist Siddique Kappan Gets Bail)
अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कप्पन का पक्ष रखते हुए कहा कि कप्पन के पास साहित्य ये था कि वह हाथरस पीड़िता को इंसाफ़ दिलाना चाहते थे. सुप्रीमकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि, लगता है अभी मामला आरोप तय होने की स्टेज तक भी नहीं पहुंचा है. इस तरह कोर्टने कप्पन की ज़मानत मंज़ूर कर ली है. हालांकि यूपी सरकार के वकील ने तर्क दिया कि दो महीने में आरोप तय हो सकते हैं.
हालांकि ज़मानत के छह सप्ताह तक कप्पन दिल्ली में रहेंगे और वहां एक संबंधित थाने जाकर हाज़िरी दर्ज कराएंगे. इसके बाद ही वह केरल के अपने घर जा सकेंगे. कप्पन की रिहाई पर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकील, बुद्धिजीवी और पत्रकार संगठनों ने खुशी जताई है.(Journalist Siddique Kappan Gets Bail)