रिसर्च स्कॉलर सफूरा ज़रगर के समर्थन में प्रदर्शन करने वाले छात्रों को जामिया यूनिवर्सिटी का नोटिस

द लीडर : रिसर्च स्कॉलर सफूरा ज़रगर का एडमिशन रद करने के विरोध में प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने नोटिस जारी किया है. चीफ़ प्रॉक्टर ऑफ़िस ने छात्रों से सोलह सितंबर तक इस इस प्रोटेस्ट पर सफ़ाई चाही थी. स्पष्टीकरण न मिलने पर अनुशासनहीनता के तहत कार्यवाही के लिए चेताया था. (Jamia Millia Islamia News)

सफूरा ज़रगर जामिया के सोशियोलॉजी विभाग की रिसर्च स्कॉलर रही हैं. नागरिकता संशोधन क़ानून-सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ दिल्ली प्रोटेस्ट के प्रमुख चेहरों में से एक है. उस आंदोलन की शुरुआत जामिया से हुई थी और बाद में शाहीन बाग़ आंदोलन का मुख्य ठिकाना बना था.

फरवरी 2020 में दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. जिसमें इस आंदोलन में शामिल जामिया, जेएनयू और डीयू के कई छात्र और पूर्व छात्रों को गिरफ़्तार किया गया था. सफूरा ज़रगर भी इनमें से एक थीं. लंबे समय तक वह तिहाड़ जेल में रहीं. उनके अलावा नताशा नरवाल, देवंगाना कलिता, इशरत जहां, उमर खालिद, आसिफ़ इक़बाल तन्हा के अलावा कई छात्र जेल गए थे. (Jamia Millia Islamia News)


इसे भी पढ़ें-दिल्ली के आप विधायक अमानतुल्लाह ख़ान गिरफ़्तार, केजरीवाल की चुप्पी पर उठे चुभते सवाल


 

सफूरा ज़रगर के अलावा कई लोग ज़मानत पर बाहर आ चुके हैं. जामिया ने सफूरा का एडमिशन इस तर्क के साथ निरस्त किया है कि, उन्होंने समय पर अपना रिसर्च वर्क पूरा नहीं किया है. सफूरा का कहना है कि दूसरे छात्रों की तरह उन्हें कोविड एक्सटेंशन नहीं दिया गया.

सफूरा का एडमिशन रद करने पर कैंपस में 30 अगस्त और नौ सितंबर को विरोध-प्रदर्शन हुए थे. इसमें कैंपस के कई छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया था. अब उन्हीं छात्रों को चीफ़ प्रॉक्टोरियल ऑफ़िस से नोटिस जारी हुआ है. और स्पष्टीकरण न देने पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई. (Jamia Millia Islamia News)

नोटिस में कहा गया है कि प्रॉक्टोरियल बोर्ड को बग़ैर सूचना दिए या उसकी इजाज़त लिए कोई मीटिंग करना, भीड़ के रूप में जमा होने की अनुमति नहीं है. छात्रों को संबोधित पत्र में कहा गया है कि इसके बावजूद उन्होंने ग़ैरज़रूरी और विवादित मुद़्दों पर भीड़ जुटाई है. कई बार ऐसा करके कैंपस का अकादिमक माहौल ख़राब करने की कोशिश की है.

कैंपस में इस ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों को जामिया प्रशासन ने बेहद संजीदग़ी के साथ लिया है. इसलिए निर्देशित किया जाता है कि इसमें शामिल छात्र लिखित स्पष्टीकरण दें. वरना उनके विरुद्ध प्रशासन द्वारा एक्शन लिया जाएगा.

जामिया प्रशासन के इस नोटिस के बाद छात्रों ने इसकी आलोचना शुरू कर दी है. ये अलग बात है कि जो छात्र अनुशासनहीनता में उलझ गए हैं, उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया है. लेकिन बाकी छात्र संगठनों ने प्रशासन के इस क़दम की निंदा की है. (Jamia Millia Islamia News)


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

Ateeq Khan

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…