सुभाष चन्द्र बोस : (23 जनवरी 1897-18 अगस्त 1945)
2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी तब तक गुप्त रखी गयी 100 गोपनीय दस्तावेजी फाइलों को आम जनता के लिए सार्वजनिक किया. इस साल इसका डिजिटल संस्करण सभी के लिए सुलभ बना दिया गया. इन ऐतिहासिक दस्तावेजों को दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में देखा जा सकता है. (Subhash Chandra Bose)
लेकिन बोस की ‘आजाद हिंद फौज’ के बारे में लिखी गई ऐतिहासिक और दस्तावेजी महत्त्व की किताब के 6 पन्ने उसके बाद भी गोपनीय ही रखे गए. भारत सरकार द्वारा संकलित इस पुस्तक के इन 6 पन्नों को गृह मंत्रालय ने अब भी गोपनीय घोषित किया हुआ है.
‘ए हिस्ट्री ऑफ इंडियन नेशन आर्मी 1942-45’ नाम की इस पुस्तक को इतिहासकार प्रफुल्ल चंद गुप्ता के देखरेख में संकलित किया गया है. इस किताब को मंत्रालय के इतिहास विभाग द्वारा 1949-50 में रक्षा दस्तावेज के तौर पर संजोया गया था. गृह मंत्रालय द्वारा किताब के पृष्ठ संख्या 186 से 191 को गोपनीय घोषित कर दिया.
कयास लगाए जाते हैं कि इन 6 पेजों में बोस के विमान हादसे से जुड़ी जुड़ी रहस्यमयी जानकारियां हो सकती हैं. आज नेताजी सुभाष बोस की 125वीं जयंती के मौके पर एक दफा फिर राजनीतिक दलों द्वारा गृह मंत्रालय से इन पन्नों को सार्वजानिक कर नेताजी पर संकलित पूरी पुस्तक को सभी के लिए उपलब्ध करवाने की मांग उठाई जा रही है.
गौरतलब है की नेताजी विमान हादसे का शिकार हुए थे या अन्हीं इस विषय पर अब तक सरकारों द्वारा तीन जांच आयोग बिठाने के बावजूद नेताजी की मौत का रहस्य आज भी बरकरार है. 18 अगस्त, 1945 को ताइपेई में एक विमान दुर्घटना के बाद से नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नहीं देखा गया है. माना जाता है कि इस विमान में नेताजी सवार थे. नेताजी की मृत्यु के राज से पर्दा उठाने और इस विमान दुर्घटना से उनके सम्बन्ध की जांच करने को लेकर अब तक तीन जांच आयोग बिठाये गए. इनमें से 2 के अनुसार इस विमान में ही नेताजी सवार थे और दुर्घटना में उनकी भी मृत्यु हो गई. जबकि तीसरे आयोग के निष्कर्षों के अनुसार इस दुर्घटना के बाद भी बोस के जीवित होने के प्रमाण मिलते हैं. (Subhash Chandra Bose)
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