पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की पत्नी का निधन, तड़के बरेली के मेडिसिटी हास्पिटल में ली अंतिम सांस

द लीडर हिंदी: भाजपा के क़द्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री बरेली के आठ बार के सांसद संतोष गंगवार की अर्द्धांगनी सौभाग्यवती गंगवार नहीं रहीं. 50 साल का लंबा साथ छूट गया. तब जब गुज़रे दिन उन्हें डायरिया की शिकायत पर पहले घर पर ही ट्रीटमेंट दिया गया. हालत में सुधार नहीं होने पर डॉ. विमल भारद्वाज के मेडिसिटी हास्पिटल ले जाया गया. वहां उन्हें एडमिट कर लिया गया. थोड़ा सुधार भी दिखा लेकिन उसके बाद अचानक बीपी काफी लो गया. तड़के 4 बजे के बाद उन्होंने 68 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया.

कोविड के दौरान भी कोरोना पॉज़िटिव होने पर उनका दिल्ली में इलाज चला था. वो रहने वालीं पड़ोसी ज़िले रामपुर के मिलक की थीं. अर्बन को ऑपरेटिव बैंक की चेयरमैन थीं. कई स्कूलों की प्रबंध समितियों का हिस्सा भी रहीं. संतोष गंगवार के चुनाव में महिलाओं के बीच प्रचार की कमान उन्हीं के हाथ में रहती थी. उनकी सबसे बड़ी पहचान यह थी कि संतोष गंगवार जनता की तमाम शिकायतें सुनते थे, जबकि उनकी शिकायत सुनने का अधिकार सौभाग्यवती गंगवार को था.

जब कोई क़रीबी संतोष गंगवार से किसी बात को लेकर नाराज़ हो जाते तो वो अपनी नाराज़गी सौभाग्यवती गंगवार से ही कहते थे और वो उसका समाधान भी कराती थीं. उनका अंतिम संस्कार शाम 4 बजे सिटी श्मशान भूमि पर आर्य समाज विधि से किया जाएगा. निधन की सूचना पर भारत सेवा ट्रस्ट पर शुभचिंतकों. रिश्ते-नातेदारों, समर्थकों की भीड़ है. बेटी श्रुति पति और बच्चों के साथ कानपुर से बरेली पहुंच गई हैं. बेटे अपूर्व मुंबई में थे, वहां से चल दिए हैं.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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