नकली रेमडेसिविर: बड़ा गिरोह सक्रिय है नकली दवा बनाने वालों का पौड़ी और हरिद्वार जिले में

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द लीडर टीम हरिद्वार/देहरादून,/कोटद्वार।

कोरोना काल के कारोबार में रामवाण की तरह प्रचारित किये जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर हरिद्वार और देहरादून में कई जिन्दगियों से खिलवाड़ हुआ। इस नाम का नकली इंजेक्शन इसी प्रदेश में बना और इसका पहला बाजार भी यहीं था। एक इंजेक्शन 25000 में बेच रहा गिरोह दिल्ली में न पहुंचता तो इसका भेद भी न खुलता ।
उत्तराखंड में प्रशासन, ड्रग कंट्रोल विभाग, एसटीएफ और पुलिस अब हाथ पांव मार रही है लेकिन कहानी वहीं अटकी है जहां दिल्ली क्राइम ब्रांच छोड़ गई थी। कुछ सुराग मिले हैं लोग भी चिह्नित हुए हैं पर अभी खुलासा नहीं किया जा रहा है। यहॉं पिछले सालों में भी कई बार नकली दवा बनाने वाले पकड़े जा चुके। लगता तो यही है कि सब ड्रग विभाग की नाक तले हो रहा है।

रुड़की भगवानपुर में हैं नक्काल

हरिद्वार जिले में नकली दवाओं का भंडाफोड़ पहले भी हुआ है। रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र इसके लिए बदनाम हैं। अगस्त 2020 में माधोपुर गांव में वीआर फार्मा दवा कंपनी पर औषधि नियंत्रण विभाग की टीम ने छापा मारा। इस दौरान कंपनी से ब्रांड के नाम से करीब दो करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद की गई थीं।
सिकंदरपुर में भी पुलिस ने नकली दवा फैक्टरी पकड़ी थी। दिसंबर में आदर्श नगर, सोलानीपुरम और भगवानपुर औद्योगिक क्षेत्र में नकली दवा फैक्टरी का भंडाफोड़ किया था। यहां से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की नकली दवाएं बरामद की गई थीं। इसके अलावा रुड़की के मेहवड़ और सलेमपुर में भी नकली दवा की फैक्टरी पकड़ी जा चुकी है।
तीन साल पहले चुड़ियाला में भाजपा नेता के भाई का नाम भी इस काले कारोबार में सामने आया था। रामनगर औद्योगिक क्षेत्र, शिवपुरम और चंद्रपुरी में भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इन सभी घटनाओं से प्रशासन, ड्रग कंट्रोल विभाग और पुलिस ने सबक नहीं लिया। ड्रग कंट्रोल विभाग की कार्रवाई केवल मेडिकल स्टोरों तक ही सिमट कर रह गई।

पुराने अपराधियों पर नज़र

अब स्थानीय ड्रग विभाग नकली दवाओं के मामले जेल जाने के बाद रिहा हो चुके कुछ लोगों की पड़ताल करने में जुट गया है। बताया जा रहा है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कारोबार में रुड़की के कई अन्य युवक भी शामिल हैं। जल्द ही इस मामले में बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि रुड़की के नन्हेड़ा में कुछ लोगों ने एक फर्जी फर्म खोली है, जिसकी आड़ में अन्य कंपनियों के एंटीबायोटिक पर रेमडेसिविर का लेबल लगाकर अवैध रूप से बेचा जाता है। ड्रग कंट्रोलर मानवेंद्र सिंह राणा ने बताया कि नकली दवा और इंजेक्शन बनाने के काम में कई स्थानीय लोगों के शामिल होने की जानकारी मिली है, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने जिस महिला को नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ पकड़ा है, वह रुड़की निवासी एक व्यक्ति से इंजेक्शन की खरीद के बाद सप्लाई करती थी।

कोटद्वार कनेक्शन

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने और बेचने के मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के कोटद्वार में सिगड्डी सिडकुल की एक दवा कंपनी में दो दिन पहले पड़े छापे की उत्तराखंड पुलिस को भनक तक नहीं लगी। शुक्रवार सुबह दिल्ली में हुए खुलासे के बाद हरकत में आए पौड़ी जिला पुलिस के अधिकारी सिडकुल के सिगड्डी इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे तो वहां दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच पहले से ही जांच में जुटी थी। पौड़ी गढ़वाल पुलिस के अधिकारियों ने फैक्ट्री को खंगाला और उसके सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए। फैक्ट्री मालिक से पूछताछ चल रही है।


कोटद्वार से करीब 13 किमी दूर सिडकुल की सिगड्डी स्थित इंडस्ट्रियल एरिया की एक दवा फैक्ट्री नेक्टर हर्ब एंड ड्रग्स से इस गिरोह के तार जुड़े हैं। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच का दावा है कि उसकी टीम ने दो दिन पहले यहां छापा मारकर कुछ इंजेक्शन और दवाई बनाने के उपकरण व सामग्री बरामद की।
दिल्ली पुलिस ने रुड़की (हरिद्वार) निवासी आदित्य गौतम और उसके साथियों को गिरफ्तार किया है, जिन्हें लेकर आगे की जांच के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी एक बार फिर शुक्रवार सुबह कोटद्वार पहुंचे। शुक्रवार को भी पौड़ी पुलिस को उनकी जांच का पता नहीं चलता, अगर दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी मामले का खुलासा दिल्ली में नहीं करते।

पौड़ी पुलिस को कुछ नहीं मिला

पौड़ी पुलिस के सीओ अनिल जोशी, कोतवाल नरेंद्र सिंह बिष्ट, कलालघाटी चौकी पुलिस इंचार्ज कमलेश शर्मा तड़के ही यहां पहुंच गए। सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक मनीषा जोशी भी मौके पर पहुंच गईं। उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के साथ फैक्ट्री का सघन निरीक्षण किया। करीब तीन घंटे परिसर में जांच के बाद दोनों टीमों ने आवश्यक जानकारी जुटाई।
पुलिस ने सबसे पहले नेक्टर हर्ब एंड ड्रग्स फैक्ट्री के मालिक विशप कुमार को बुलाकर पूछताछ की। फैक्ट्री मालिक ने बताया कि आदित्य गौतम ने उनकी फैक्ट्री लीज पर ली हुई थी। लेकिन उसने यहां किसी भी तरह के इंजेक्शन बनाने की बात से इनकार किया।
सीओ ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने आदित्य गौतम समेत उसके सात साथियों को गिरफ्तार करने की जानकारी दी है, लेकिन शुक्रवार के छापे में फैक्ट्री से कोई दवाई बरामद नहीं हुई है। नकली दवाई बनाने और बेचने का मामला हरिद्वार से जुड़ा है।