द लीडर हिंदी : यूपी में भीषण गर्मी के दौरान बिजली कटौती को लेकर हाहाकार मचा है. अब मुख्यमंत्री की फटकार के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से लेकर विभागीय अफसर सब अलर्ट हो गए हैं.
ऊर्जा मंत्री ने विभाग के अफसरों के साथ बैठक करके बिजली कटौती कम करने की रणनीति बनाई है. कई दौर में चली बैठक के बाद सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों को ग्रामीण इलाके में कम से कम 18 घंटे की आपूर्ति देने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही लो वोल्टेज की समस्या को रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं.
शिड्यूल के अनुसार ही बिजली आपूर्ति
पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने सभी निगमों के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिए है कि तय किए गए शिड्यूल के अनुसार ही बिजली आपूर्ति दी जाए.
प्रदेश में अब तक अधिकतम 27610 मेगावाट तक खपत पहुंची है. जितनी अधिकतम खपत रही है, उतनी बिजली उपलब्ध है. इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे की विद्युत आपूर्ति की जाए.
दिन में दो पालियों में तीन-तीन घंटे के लिए छह घंटे की रोस्टरिंग की जाती है. अगर किसी ग्रामीण क्षेत्र में सुबह छह से नौ बजे तक रोस्टिंग तय की गई है और स्थानीय फाल्ट के कारण सुबह 9 बजे से 12 बजे के बीच दो घंटे की आपूर्ति बाधित हो जाती है.
तो अगले तय रोस्टिंग में दो घंटे की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की जाए. जिससे ग्रामीण इलाकों में कम से कम 18 घंटे बिजली अवश्य मिले.
लो वोल्टेज की समस्या करें दूर
गर्मी में आद्रता की कमी की वजह से लो-वोल्टेज की समस्या बनी हुई है. ऐसे में पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने निर्देश दिए हैं कि पारेषण उपकेंद्रों से वोल्टेज बढ़ाया जाए.
ताकि एलटी साइड तक बढ़ा हुआ वोल्टेज मिले. एलटी लाइन को री-आर्गेनाइज़ करके नए वितरण प्रर्वतक लगाए. साथ ही एलटी लाइन की लंबाई कम करें.
कंट्रोल रूम को हर घंटे दे जानकारी
विद्युत आपूर्ति से जुड़ी समस्या को तत्काल दूर करने के लिए कंट्रोल रूम के नंबर स्थानीय जनप्रतिनिधि और उपभोक्ताओं के साथ शेयर करे.
जिले स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम हर घंटे की सूचना पावर कॉरपोरेशन में स्थापित नियंत्रण कक्ष को जरूर दे. इससे जल्द से जल्द समस्या को दूर करके बिजली आपूर्ति को सुचारू करने में आसानी होगी.