लखनऊ की 22 मस्जिदों में होली के चलते बदला गया जुमे की नमाज का समय

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द लीडर | होली के चलते लखनऊ के 22 मस्जिदों में जुमे की नमाज देर से पढ़ी जाएगी। आम तौर पर मस्जिद में जुमे की नमाज और खुतबा दोपहर 12:30 बजे पढ़ा जाता है लेकिन इस बार होली के चलते ज्यादातर मस्जिदों में नमाज 1:30 बजे के बाद पढ़ी जाएगी। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI) के सुझाव के बाद होली के दिन जुमे की नमाज के समय में परिवर्तन किया गया है। लखनऊ के करीब 22 मस्जिदों ने जुमे की नमाज का समय बदलने का ऐलान किया है जिनमें कई नामी मस्जिद भी शामिल है।

इन मस्जिदों में बदला गया जुमे की नमाज का समय

जिन मस्जिदों में जुमा की नमाज के समय में बदलाव किया गया है उसमें लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में जुमा मस्जिद, अकबरी गेट पर एक मीनारा मस्जिद, मस्जिद शाहमीना शाह और मस्जिद चौक सहित कुछ प्रसिद्ध मस्जिदें शामिल हैं। जबकि पुराने और नए जुमा नमाज के समय की एक सूची इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI)द्वारा साझा की गई थी। अधिकांश मस्जिदों ने दोपहर 1.30 बजे के बाद नमाज शुरू करने का फैसला किया। जामा मस्जिद ईदगाह में दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से अब समय 2 बजे कर दिया गया है। इसी तरह मस्जिद शाहमीना शाह में नियमित दोपहर एक बजे के बजाय दोपहर 1.30 बजे जुमा की नमाज होगी।


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क्यों लिया नमाज का समय बदलने का फैसला

इससे पहले, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI) के प्रमुख और ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने एक एडवाइजरी जारी कर मस्जिदों से जुमा की नमाज के समय में बदलाव करने को कहा था, ताकि होली पर किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके और शांति व सौहार्द बनाए रखा जा सके।

मुसलमानों से की ये अपील

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया (ICI)की ओर से जारी एडवाइजरी में ये भी कहा गया था कि होली के दिन मुसलमान किसी दूर की मस्जिद में नमाज पढ़ने की बजाय अपने घर के पास की मस्जिद में नमाज पढ़ें। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने मुसलमानों से अपील की है कि शब-ए-बारात के लिए घर से तभी निकलें जब होली खत्म हो जाए ताकि किसी तरह माहौल ना बिगड़े। दरअसल होली वाले दिन ही शब-ए-बारात भी है। इस दिन मुसलमान अपने पूर्वजों की कब्र के पास जाकर जियारत करते हैं।

चार साल पहले भी जुमे की नमाज का समय बदला था

होली के दिन ही शब-ए-बारात भी पड़ रहा है, इसलिए इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने मुसलमानों से मस्जिदों और अपने प्रियजनों की कब्रों पर शाम 5 बजे के बाद जाने के लिए कहा है और इस मौके पर आतिशबाजी करने से मना किया है। चार साल पहले भी मौलवियों ने जुमे की नमाज का समय बदला था।

18 मार्च को ही पढ़ रही है होली शब-ऐ-बरात और जुमा 

दरअसल, इस बार 18 मार्च को ही जुमा, शबे-बरात और रंगों का त्योहार होली है। ऐसे में ऐशबाग ईदगाह इमाम खालिद रशीद फरंगी महली ने होली के जश्न के बाद सभी से नमाज की अपील की है। होली और शबे-बारात को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी। फरंगी महली ने कहा कि जुमा, शबे बरात और होली एक ही दिन होना इत्तेफाक की बात है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में जिक्र किया गया कि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने ईदगाह में आकर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली से मुलाकात की और इत्मीनान दिलाया कि तीनों अवसरों पर उचित शांति व्यवस्था बनाई जाएगी और कोई अनहोनी नहीं होने दी जाएगी।

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