वैक्सीन नहीं पहुंची उत्तराखंड में टीकारण अभियान एक हफ्ते टला

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द लीडर देहरादून

नए सिस्टम के तहत एक ही दिन में लाखों पंजीकरण के बावजूद उत्तराखंड में 1 मई से शुरू होने वाला 18 से 44 तक के लोगों का टीकाकरण टाल दिया गया है।स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि नए टीके की खेप का इंतज़ार है । एक सप्ताह में टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा।
देश में 18 साल से ऊपर और 45 साल तक के व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए की गई पंजीकरण व्यवस्था हेतु वेबसाइट के खुलने के 24 घंटे के अंदर ही लाखों लोगों ने टीकाकरण हेतु आवेदन किया है।
वेबसाइट हैवी ट्रैफिक के कारण अपने तय समय से लगभग 40 मिनट विलंब से खुली, इतनी देर लोगों ने अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर की।
राज्य सरकारों द्वारा सवाल उठाने के बाद केंद्र की पहल पर भारत बायोटेक ने को वैक्सीन के रेट घटा दिए हैं ,अब यह राज्यों को रुपए 600 की जगह रुपए 400 में उपलब्ध होगी |
सिरम इंस्टीट्यूट ने भी अपनी वैक्सीन कोविशिल्ड के दाम राज्यों हेतु रुपए 400 से घटाकर रुपए 300 कर दिए हैं ।
DG स्वास्थ्य डॉ. तृप्ति बहुगुणा ने कहा कि वैक्सीन उपलब्ध होते ही 18-44 वर्ष वालों के लिए अभियान शुरू हो जाएगा। Co-vin पंजीकरण का कार्य जारी रहेगा। इसमें पंजीकरण के बिना डोज़ नहीं दी जाएगी। DG ने ये साफ नहीं किया कि अभियान कब शुरू होगा। केंद्र ने इसको मई से शुरु करने को कहा है। तारीख नहीं दी।
स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में बताया कि प्रदेश में 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के लोगों को कोविड वैक्सीन के लिए 122108 डोज कोविशील्ड एवं 42370 डोज कोवैक्सीन की आपूर्ति जल्द भारत सरकार की ओर से की जाएगी। हम वैक्सीन की निर्माता कम्पनियों से लगातार सम्पर्क में हैं। उन्हें डिमांड भी दे दी गई है। अभी इसकी निश्चित डेट बताना मुश्किल है। उत्तराखंड में टीकाकरण एक सप्ताह बाद ही शुरू हो पाएगा।
सचिव अमित नेगी ने यह भी जानकारी दी कि सरकार की ओर से आम जनता के लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है। जिसको कंट्रोल रूम के माध्यम से लगातार मॉनिटर भी किया जा रहा है। इसके साथ ही अमित नेगी ने बताया कि ई संजीवनी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, एम्स एवं सेवानिवृत्त चिकित्सकों से भी मदद ली जा रही है।
उन्होंने बताया कि कोविड हेल्पलाइन 104 पर रोजाना 2000 फोन को प्राप्त किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के सामने चुनौतियां बहुत हैं, लेकिन ऑक्सिजन सपोर्टेड बेड लगातार बढ़ाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि दवाओं एवं मेडिकल इक्विपमेंट्स की कालाबाजारी रोकने के लिए शासन और पुलिस के स्तर पर नोडल अधिकारीयों की तैनाती की गई है।

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