द लीडर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से बुरा हाल है. दिवाली के बाद से ही देश की राजधानी दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है और घुटन का सिलसिला जारी है. नवंबर की शुरुआत से लेकर अब तक सात दिन राजधानी दिल्ली में गंभीर स्तर का प्रदूषण और दो बार इमरजेंसी स्तर के हालात हो चुके हैं. सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का एक्यूआई स्तर शनिवार को 437 रहा और रविवार की सुबह Air Quality Index (AQI) 386 है जो कि गंभीर श्रेणी में आता है. वहीं दिल्ली सरकार ने सोमवार को कहा कि, अगर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एनसीआर और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन अनिवार्य किया जाए तो वे पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि, पड़ोसी राज्यों के एनसीआर क्षेत्रों में लॉकडाउन लगाना ‘सार्थक’ होगा। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में यह बात कही।
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Delhi Government tells Supreme Court that it is ready to impose complete lockdown in Delhi to control air pollution; suggested the court that it would be meaningful if lockdown is implemented across the NCR areas in neighboring states.
— ANI (@ANI) November 15, 2021
बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केजरीवाल सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में कहा कि, उनकी सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार है. इसके साथ ही, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोर्ट से कहा कि, यह अधिक सार्थक होगा अगर पड़ोसी राज्यों के अंतर्गत आने वाले एनसीआर में भी लॉकडाउन लगाया जाए. कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से इस बारे में फैसला लेने को कहा कि, कुछ किन उद्योगों, वाहनों और संयंत्रों का संचालन कुछ समय के लिए रोका जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने निगमों को जिम्मेदार ठहराने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई और कहा कि, झूठे बहाने उसे प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले नारों पर खर्च और कमाई की लेखा परीक्षा कराने पर मजबूत करेंगे.
मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी
कोर्ट ने केन्द्र से कहा कि, वह इस मामले पर बैठक बुलाए. इसके साथ ही, अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी. गौरतलब है कि, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के मामले को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई थी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो दो दिन का लॉकडाउन लगा दें. याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि, पंजाब में चुनाव हैं. वहां सरकार अलोकप्रिय नहीं होना चाहती, इसलिए पराली जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं कर रही. इसलिए, पूर्व जज जस्टिस लोकुर की अध्यक्षता में कमेटी बनाना बेहतर कदम था. वहीं चीफ जस्टिस ने कहा कि, हम अभी नई कमेटी पर बात नहीं कर सकते. हमें सॉलिसिटर जनरल से जानने दीजिए कि सरकार क्या कर रही है. सॉलिसिटर- दिल्ली सरकार ने कई कदम उठाए हैं. स्कूल, दफ्तर बंद रखने जैसे उपाय हैं. हरियाणा भी मिलते-जुलते कदम उठा रहा है. जेनसेट बंद रखना जैसे उपाय भी अपनाए जा रहे हैं.
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प्रदूषण में 10% पराली के धुएं का योगदान
सॉलिसीटर ने आगे कहा कि, कमेटी की बैठक हुई. हमारी जानकारी में पराली के धुएं का योगदान कुल प्रदूषण में 10% ही है. सड़क से धूल, निर्माण कार्य, गाड़ी आदि से बड़ा योगदान. ईंट भट्ठों को बंद रखने, सड़क निर्माण के हॉट मिक्स प्लांट बंद रखने जैसे उपाय अपनाए जा रहे हैं. सड़क साफ रखने वाली मशीन का इस्तेमाल होगा. जस्टिस सूर्यकांत- ऐसी कितनी मशीनें हैं? क्या उनकी कीमत ऐसी है कि, राज्य सरकार उन्हें खरीद सके. जो लोग इसे चलाएंगे, वह बाद में क्या करेंगे? सॉलिसिटर- लॉकडाउन को अंतिम उपाय की तरह देखा जाना चाहिए. उससे पहले कई कदम उठाए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से मिली आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने शनिवार को आपातकालीन बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि, सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्ण लॉकडाउन का सुझाव दिया है. कोर्ट के आदेश को लेकर हम प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं. तैयार प्रस्ताव को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे.
बता दें कि, दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार इससे निपटने के लिए अपने स्तर से कई फैसले ले रही है. सरकार की कोशिश है कि, जल्द से जल्द इस समस्या से निपटा जाए. केजरीवाल सरकार ने फैसला लिया है कि, आज से 17 नवंबर तक स्कूल एक हफ्ते तक के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं दिल्ली के बाद हरियाणा सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया है. खट्टर सरकार ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और झज्जर में चल रहे स्कूलों को 17 नवंबर तक बंद करने का फैसला लिया है. इस सबंध में सरकार ने रविवार को आदेश दिया कि यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी के बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने आपात बैठक बुलाई और कई सख्त पाबंदियां लगा दी हैं.
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जानिए क्या-क्या खुला है और क्या बंद है ?
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आज से एक हफ्ते तक स्कूल ऑनलाइन चलेंगे. यानी स्टूडेंट्स को स्कूल नहीं जाना है.
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14 नवंबर से 17 नवंबर तक सभी कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटीज पर रोक लगा दी गई है.
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एक हफ्ते के लिए सभी सरकारी दफ्तरों के कर्मचारी पूरी तरह घर से काम (WFH) करेंगे.
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प्राइवेट संस्थानों को भी एडवाइजरी जारी की जाएगी.
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पॉल्यूशन कंट्रोल को लेकर जो उपाय सुझाए गए हैं, उनमें मार्केट खोलने या बंद करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.
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बाजार में रोजमर्रा की चीजें पहली की तरह मिलेंगी, इनसे जुड़ी सभी दुकानें और व्यावसायिक संस्थान खुले रहेंगे.
कितना खतरनाक है वायु प्रदूषण ?
अगर आप सोच रहे हैं कि आप बीड़ी-सिगरेट नहीं पीते हैं और आपके लंग्स हेल्दी हैं, तो अब आपको ये गलतफहमी हो सकती है. भले ही आप स्मोकिंग नहीं करते लेकिन अब आप नॉन स्मोकर की कैटेगरी में भी नहीं है. दिल्ली में वायु प्रदूषण ने सभी को स्मोकर की कैटगरी में लाकर खड़ा कर दिया है. इस वक्त जो एक्यूआई है, उसके मुताबिक आप दिन में 20 से 24 सिगरेट के बराबर धुआं ले रहे हैं और जो लोग स्मोकिंग करते हैं, वह पहले से दोगुना स्मोकिंग का धुआं लंग्स में ले रहे हैं. वायु प्रदूषण के दूरगामी असर जानलेवा हो सकते हैं, इसमें लंग्स कैंसर हो सकता है. लंग्स फाइब्रोसिस हो सकता है. जब प्रदूषिण कण ब्लड में पहुंचेंगे तो ब्लड कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. इससे ‘न्यूमोकोनियोसिस’ हो सकता है, जो कि अमूमन कोयला खदान या किसी ऐसी फैक्ट्री में काम करने वालों को होता है. इसीलिए इससे खुद को बचाना जरूरी है.
इन शहरों में 24 घंटों में वायु की गुणवत्ता अच्छी दर्ज हुई?
सीपीसीबी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 27 भारतीय शहरों में वायु की गुणवत्ता अच्छी (एक्यूएआई 0-50) दर्ज हुई जिसमें शीर्ष पर आइज़वाल (एक्यूएआई-13) रहा। इस सूची में अमरावती, बेंगलुरू, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, कोयंबटूर, एलूर, एर्नाकुलम, कालाबुरागि, कन्नूर, कोल्लम, कोप्पल, मैसूर, पुड्डुचेरी, शिमोगा समेत अन्य शहर शामिल हैं। वहीं, अगरतला समेत 21 शहरों में वायु की गुणवत्ता संतोषजनक (एक्यूएआई 50-100) रही।
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