रांची। झारखंड राज्य में कांची नदी पर करोड़ों की लागत से बना पुल ‘यास’ तूफान को नहीं झेल पाया। हाराडीह-बुढ़ाडीह पुल गुरुवार को ध्वस्त हो गया।
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करोड़ों की लागत से बना था पुल
यह रांची जिले के तमाड़, बुंडू और सोनाहातु को जोड़ता था। तीन साल पहले ही करोड़ों की लागत से पुल बनाया गया था। मगर करोड़ों रुपए की लागत से बना यह पुल भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
पुल निर्माण में भ्रष्टाचार?
बुंडू इलाके के प्रसिद्ध हाराडीह मंदिर के निकट इस पुल के ध्वस्त होने के बारे में स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि, कांची नदी में लगातार बालू का अवैध उत्खनन किया जा रहा था, जिसके कारण पुल कमजोर हो गया।
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कांची नदी पर बने दो और पुल पहले ही ध्वस्त
समय रहते अगर प्रशासनिक कार्रवाई होती है, तो यह पुल बच सकता था। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि, कांची नदी पर बने सोनाहातु का हारीन पुल और तमाड़ का बालमडीह पुल पहले ही ध्वस्त हो चुका है और अब हाराडीह पुल भी ध्वस्त हो गया।
क्या अवैध बालू खनन से हुआ हादसा?
ग्रामीणों की मानें तो, इस पुल का कायदे से उद्घाटन भी नहीं हुआ था। जाहिर है, इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पुल ध्वस्त होने के पीछे एक वजह यह भी बताई जा रही है कि नदी से रोजाना बालू का अवैध खनन हो रहा है।
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अवैध उत्खनन रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया
पुल के ठीक नीचे भी लगातार बालू का खनन किया जा रहा था। ग्रामीणों की लगातार मांग के बावजूद किसी ने बालू का अवैध उत्खनन रोकने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
टूटे पुल से हो रहा आवागमन
लगातार दो दिन से बारिश होने के चलते नदी में पानी का स्तर बढ़ गया है और इसी बीच अब पुल ध्वस्त हो गया। सबसे खतरनाक बात यह कि टूटे पुल पर भी लोगों की आवाजाही हो रही है।
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प्रशासन ने साधी चुप्पी
ऐसे में किसी अनहोनी की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। पुल टूटने की जानकारी आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई। स्थानीय प्रशासन पूरे मसले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है।