द लीडर । मॉनसून सीजन में जहां भारी बारिश कहर बरपा रही है तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में चक्रवाती तूफान गुलाब कहर बनकर टूटा है. खेत में 23 लाख हेक्टर पर लगी किसानों की फसल खराब हो गई है. गुलाब तूफान का सबसे ज्यादा असर मराठवाडा में देखा गया. मूसलाधार बारिश ने किसानों की फसल के साथ जानवारों को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है. किसानों और प्रभावित लोगों को हुए नुकसान की भरपाई देने की मांग तेज हो गई है.
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चक्रवाती तूफान कहर बनकर टूटा
MNS प्रमुख राज ठाकरे ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर पीड़ित लोगों को 50 हजार रुपए से तुरंत राहत देने की मांग की है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मराठवाडा और विदर्भ के इलाकों में हुए नुकसान की जानकारी अधिकारियों से हासिल की है. उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रभावित इलाकों की जल्द से जल्द पंचनामा तैयार किया जाए. माना जा रहा है कि अगले एक से दो दिनों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मराठवाडा के दौरे पर जा सकते हैं. हालांकि, महामाराष्ट्र में गुलाब तूफान का जोर कम पड़ने से लोगों ने राहत की सांस ली है.
23 लाख हेक्टर में लगी किसानों की फसल खराब
सूबे के कई जिलों में हुई जोरदार बारिश ने भी बड़ा नुकन पहुंचाया है. आपदा प्रबधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बाढ़ और तेज बारिश की वजह से अब तक कुल 13 लोगों की मौत हुई है और 200 के करीब जानवरों के बह जाने की जानकारी है. महाराष्ट्र में इस साल हुई बारिश से अब तक करीब 436 लोगों की मौत हो चुकी है. कुछ महीनों पहले यास तूफान ने देश के तटीय हिस्सों में जमकर तबाही मचाई थी. लेकिन गुलाब ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश समेत महाराष्ट्र को भी अपनी चपेट में ले लिया.
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बता दें कि, बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव की वजह से चक्रवात तूफान ‘गुलाब’ को लेकर आंध्रप्रदेश और ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है। इस तूफान के उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से रविवार की शाम को 75 से 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजरने की संभावना है। इसकी अधिकतम गति 95 किलोमीटर तक होने का अनुमान जताया गया है। इसकी वजह से इलाके में भारी बारिश होने की संभावना है।
तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा
तूफान की वजह से आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विजयनगरम और विशाखापत्तनम जबकि ओडिशा के गंजम और गजपति जिलों के प्रभावित होने की आशंका है। आधिकारिक बयान के मुताबिक कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में एनसीएमसी ने केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और राज्य सरकारों की बंगाल की खाड़ी में उठे तूफान से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम तैनात
गुलाब चक्रवात के गुजरने की आशंका है जिसके मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के लिए उत्तर तटीय आंध्र जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तीन और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के एक दल को तैनात किया गया है। प्रशासन की तरफ से विशाखापत्तनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम जिलों में निचले इलाकों से लगभग 86,000 परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित करने की को योजना बनाई गई है।
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समुद्र में न जाने की सलाह
श्रीकाकुलम में एनडीआरएफ के दो दलों को तैनात किया गया है जहां चक्रवात का अधिक प्रभाव हो सकता है। इसके अलावा विशाखापत्तनम में एक दल को तैनात किया गया है। विशाखापत्तनम में एसडीआरएफ के एक दल को भी इमरजेंसी स्थिति के लिए तैयार रखा गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने इन जिलों के मछुआरों से समुद्र में न जाने को कहा है।
पाकिस्तान ने दिया है चक्रवात का नाम ‘गुलाब’
इस बार के चक्रवात का नाम ‘गुलाब’ पड़ोसी देश पाकिस्तान ने दिया है। ‘गुलाब’ शब्द एक बारहमासी फूल वाले पौधे को संदर्भित करता है। आईएमडी के ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार उष्णकटिबंधीय चक्रवात गुलाब का नाम ‘गुल-आब’ रखा गया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन के नामों की एक लिस्ट रखता है जो नियमित आधार पर बदलता है। इससे पहले देश में चक्रवात ताउते और यास आया था।
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ESCAP पैनल के 13 सदस्य देश करते हैं फैसला
संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन हैं। प्रत्येक देश को एल्फाबेटिकल आधार पर इस क्षेत्र में बनने वाले अगले चक्रवात का नाम रखते हैं। इसलिए म्यांमार के ताउते के बाद, सूची में अगला नाम ओमान का ‘यास’ था। यह एक फारसी शब्द है, जिसका अर्थ है जैस्मीन, एक सुगंधित फूल।
अगर अगला तूफान आएगा तो..उसका नाम ‘शाहीन; होगा
हालांकि आने वाले चक्रवातों के नाम पहले से ही तय कर लिए जाते हैं। इस क्षेत्र में 150 से अधिक चक्रवाती तूफान बनने के लिए नामों की एक अप्रूव लिस्ट पहले से ही है। इसलिए, ‘यास’ के बाद बनने वाले चक्रवात तूफान का नाम ‘गुलाब’ भी पहले से ही तय था। इसे पाकिस्तान ने चुना है। खास बात है कि अगर इस क्षेत्र में कोई अगला तूफान आता है तो उसका नाम ‘शाहीन’ होगा। यह नाम कतर ने दिया है।
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नाम रखने में इन बातों का रखा जाता है ध्यान
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ), संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग एशिया और प्रशांत (ईएससीएपी) उष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर पैनल उत्तरी हिंद महासागर-बंगाल की खाड़ी-अरब सागर क्षेत्र में चक्रवात के नामों पर निर्णय लेते हैं। चक्रवात का नाम हमेशा छोटा, उच्चारण करने और याद रखने में आसान होता है। इसे इस तरह से चुना जाता है कि यह दुनिया भर में आबादी के किसी भी समूह की भावनाओं को आहत न करे, यहां तक कि मामूली तरीके से भी। यह संक्षिप्त, उच्चारण में आसान और किसी भी सदस्य के लिए अपमानजनक नहीं होना चाहिए।
बता दें कि, इससे पहले देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान चक्रवात ताउते और यास ने अपना जमकर कहर बरपाया था। वहीं इसकी चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो गई। कईयों के आशियाने तबाह हो गए। वहीं अब चक्रवात गुलाब अपना बरपाने लगा है। जिससे लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है।
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