उत्तराखंड में 345 नए डॉक्टर तैनात, मुफ्त टीकाकरण के लिए 400 करोड़

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द लीडर देहरादून

कोरोना के नए मामलों में यूपी से दोगुने से अधिक और राष्ट्रीय औसत से भी कहीं आगे चल रहे छोटे से राज्य उत्तराखंड में शुक्रवार को 345 नए डॉक्टरों को तैनाती मिल गई है और मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार मई में निजी अस्पतालों के सहयोग से व्यापक मुफ्त टीकाकरण क़रने जा रही है। टीको के लिए 400 करोड़ की व्यवस्था की गई है और इस दौर में 50 लाख युवाओं को कोरोना से सुरक्षित किया जाएगा। इधर बुरी खबर ये है कि इस समय प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐलान किया है कि मई से सभी उत्तराखंडियों को मुफ्त टीका लगाया जाएगा। इसमें 400 करोड़ का खर्च आएगा। जो राज्य सरकार वहन करेगी। सभी सरकारी-निजी अस्पतालों में मुफ्त टीके की सुविधा दी जाएगी।

वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीरथ ने कहा कि कोविड को शिकस्त देने के लिए सरकार हर मुमकिन कदम उठाएगी। 50 लाख लोगों को टीका बिल्कुल मुफ्त लगाया जाएगा। जहां भी डॉक्टरों की कमी है, वहाँ नए 345 डॉक्टरों को तैनात किया जा रहा है। टीके प्राइवेट अस्पतालों में भी मुफ्त लगाए जाएंगे। दवाइयों की कालाबाजारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी इसमें लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कोरोने से लड़ने में सरकार सभी प्राइवेट अस्पतालों-मेडिकल कॉलेजों की भी मदद ले रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी के प्रबंधन और मालिकों से बैठक हुई है। सभी सहयोग कर रहे हैं। 75 फीसदी बेड वे अपने यहाँ सिर्फ कोरोना इलाज के लिए आरक्षित रख रहे हैं।
आज का सच ये है कि कोरोना से मौतें बढ़ रही हैं। केसों की संख्या बहुत अधिक हो रही। लोगों को न अस्पतालों में बेड मिल रहा न ऑक्सीजन ही मिल पा रही।
मसूरी रोड पर एक बड़े अस्पताल ने एक गंभीर मरीज को पहले तो बुला लिया। फिर बेड नहीं है बोल के लौटा दिया। ऑक्सीजन का बंदोबस्त भी न होने से मरीजों की जान पर बन आई है। सरकार और स्वयं सेवी संस्थाओं के लिए ऑक्सीजन सिलेन्डर तक का बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है।

दावे खोखले

इस बीच उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्ममाना ने कहा कि सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं आज लगातार चौथे दिन भी चरमराई रही। सरकारी दून मेडिकल कालेज, जोलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन हॉस्पिटल, मैक्स, सिनर्जी, आरोग्य धाम सहित सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर जरूरतमंद मरोजों को नहीं मिल पाए।
कांग्रेस के कोविड19 कंट्रोल रूम के प्रभारी सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आज भी सरकारी दावों के बावजूद जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमडेसिविर लोगों को नहीं मिल पाया। आज भी दिन भर कोविड मरीजों व उनके परिजनों के इलाज के लिए किसी भी अस्पताल में बेड दिलवाने के लिए फोन आते रहे। सभी अस्पतालों ने एक भी नया मरीज लेने से हाथ खड़े कर दिए।
उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य महानिदेशिक, सीएमओ व दून हॉस्पिटल के प्राचार्य सभी से रेमिडिसेर इंजेक्शन की स्थिति के बारे में सुबह से लेकर शाम तक जानकारी ली, किन्तु अभी नहीं पहुंचा।
उन्होंने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य सचिव पंकज पांडे ने कई बार फोन लगाने पर भी फोन नहीं उठाया। इससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की सेहत के बारे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। धस्माना ने एक बार फिर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मांग की कि बिना समय गंवाए सरकार को 1000 बैड का अस्थायी ऑक्सीजन आईसीयू व वेंटिलेटर युक्त हॉस्पिटल तैयार करना चाहिए। जिससे लोगों की जान बचाई जा सके।

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