उत्तराखंड में फिर बढ़ी सियासी हलचल…क्या तीरथ सिंह रावत की कुर्सी खतरे में

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द लीडर हिंदी, देहरादून | उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली तलब किया गया है.

अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को भी दिल्ली बुलाया गया है. जमीनी स्तर पर मिल रहे फीडबैक के आधार पर नेता दिल्ली तलब किए गए हैं.

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कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और धन सिंह रावत को आज दिल्ली बुलाया गया. इससे पहले मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी चिंतन बैठक के तुरंत बाद दिल्ली तलब किया गया था. आज सीएम तीरथ सिंह रावत की देहरादून वापसी थी, लेकिन उनका कार्यक्रम रद्द हो गया है और वह दिल्ली में ही हैं.

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अचानक दिल्ली तलब किए गए तीरथ सिंह रावत

अभी हाल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनाए गए तीरथ सिंह रावत को बीजेपी आलाकमान ने अचानक दिल्ली तलब कर लिया था. उनकी मुलाकात बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी.

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी अगले साल उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव तीरथ सिंह की अगुआई में लड़ने के मूड में नहीं है.

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30 जून को तीरथ सिंह रावत को दिल्ली पहुंचे थे. दिल्ली पहुंचने के करीब 10 घंटों के बाद उनकी मुलाकात जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ हुई थी.

सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आलाकमान नहीं चाहता है कि ये चुनाव तीरथ सिंह रावत की अगुआई में लड़ा जाए, इसके साथ ही उत्तराखंड के दिग्गज भाजपाई भी इस पक्ष में नहीं हैं.

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सबसे पहले, तीरथ सिंह रावत को अचानक दिल्ली क्यों बुलाया गया?

30 जून को तीरथ सिंह रावत को दिल्ली बुला लिया गया, अचानक, वे दोपहर में दिल्ली पहुंचे और करीब 10 घंटों के इंतजार के बाद उनकी मुलाकात जेपी नड्डा और अमित शाह के साथ हुई।

मुलाकात अमित शाह के घर पर हुई। बताया जा रहा है कि चर्चा उत्तराखंड में लीडरशिप और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर ही हुई।

दरअसल, भाजपा आलाकमान नहीं चाहता है कि ये चुनाव तीरथ सिंह रावत की अगुआई में लड़ा जाए। उत्तराखंड के दिग्गज भाजपाई भी इस पक्ष में नहीं हैं।

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क्या मुख्यमंत्री बदल सकती है भाजपा?

दरअसल, भाजपा की परेशानी ये है कि चुनाव से ऐन पहले मुख्यमंत्री बदलने से फजीहत हो सकती है, पर भाजपा चुनाव हारने का खतरा भी मोल नहीं ले सकती।

इससे पहले भी 2012 में भाजपा ने चुनाव से ऐन पहले रमेश पोखरियाल निशंक को हटाकर बीसी खंडूरी की चीफ मिनिस्टर बनाया था। हालांकि, भाजपा तब चुनाव हार गई थी।

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गंगोत्री से चुनाव लड़ने वाले हैं तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधानसभा के सदस्य नहीं है. 10 मार्च को जब वह सीएम बने थे, तब वह पौड़ी गढ़वाल से सांसद थे.

ऐसे में तीरथ सिंह रावत को 6 महीने के भीतर विधानसभा उपचुनाव जीतना होगा. बताया जा रहा है कि तीरथ सिंह गंगोत्री से चुनाव लड़ेंगे. आम आदमी पार्टी ने उनके खिलाफ कर्नल अजय कोठियाल को मैदान में उतारा है.

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विधानसभा चुनाव को लेकर क्या स्थिति है?

सूत्रों ने बताया कि उत्तराखंड उपचुनाव को लेकर अभी भी चुनाव आयोग को फैसला करना बाकी है। सूत्र ने कहा कि ये चुनाव कोरोना संक्रमण के हालात पर ही निर्भर करते हैं। हालांकि, अभी इसके लिए तीरथ सिंह रावत के पास करीब-करीब दो महीने का समय है।

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