द लीडर | चीन की ओर से अपने निष्क्रिय उपग्रह को दूसरी कक्षा में ले जाने के कार्य ने अंतरिक्ष के हथियारों से लैस होने का एक नया खतरा पैदा कर दिया है. वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने गुरुवार को यह बात कही. उन्होंने कहा कि सेना के तीनों अंगों-वायुसेना, थल सेना या नौसेना में से कोई भी एक बल सिर्फ अपने बूते युद्ध नहीं जीत सकता है और यह भविष्य के लिए भी अच्छा है.
अंतरिक्ष को हथियारों से लैस कर रहा है चीन
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि अपने निष्क्रिय उपग्रहों में से एक को अन्य कक्षा में ले जाने का चीन का हालिया कार्य अंतरिक्ष को हथियारों से लैस करने की दौड़ शुरू कर रहा है. यह ऐसा क्षेत्र है जिसे अब तक अपेक्षाकृत सुरक्षित माना जाता रहा है. उनके अनुसार हम जिस दायरे को देख रहे हैं वह घातक से गैर-घातक और छोटे ड्रोन से लेकर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइलों तक फैला हुआ है. यह विशाल और निरंतर बदल रही स्थितियां भविष्य के सशस्त्र बलों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करेगी.
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वायुसेना के प्रशिक्षण को आधुनिक बनाने की जरूरत
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण को आधुनिक, लचीला और अनुकूल बनाने की जरूरत है, जिसमें ‘एकजुटता’ का संदेश भी हो. उन्होंने कहा कि तकनीकी रूप से मजबूत अच्छी तरह से प्रशिक्षित वायु सैनिक, वायुसेना की शक्ति बढ़ाने का काम करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी एक सेना सिर्फ अपने बूते युद्ध नहीं जीत सकती है और यह भविष्य के लिए भी अच्छा है. यह मुझे कमान और नियंत्रण की अगली चुनौती तक ले जाता है.’’
चीन अक्सर सुर्ख़ियों में क्यों रहता है ?
चीन अक्सर अपनी तानाशाही और क्रूरता के कारण सुर्ख़ियों में बना रहता है. चीन की कमाल संभालने वाले शी-जिनपिंग अपने देश के नागरिकों को दुनिया में हो रही गतिविधियों से दूर रखते हैं और अपनी तानाशाही के चलते दुनिया को अक्सर अपनी फौज और हतियारों से भरे फौजी उपकरण दिखा कर डराने का प्रयास भी करते है.
भारत की बात करें तो अक्सर बॉर्डर पर तनाव की स्तिथि पैदा हो जाती है. अक्सर दोनों देश की सेनाओं के बीच नोक झोक की खबरे आती रहती है. यह भी कहा जाता है कि चीन हमारे देश में घुस कर वहां बसेरा डालने की और अवैध रूप से हमारी ज़मीन हड़पने की अक्सर कोशिश करता रहता है. इसी क्रम में बीते साल गलवान घटी में चीनी सैनिक पर भारतीय सैनिकों में झड़प हो गई थी जिसमे 40 भारतीय जवानों की जान चली गई थी और इसके बाद सरकार ने जवाबी कारवाई में कई चीनी एप्प को भारत में बंद कर दिया था.