इस्लामाबाद: चीनी ड्रैगन और पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बेहद खतरनाक चाल चल दी है। चीन अब पाकिस्तान के अंदर भारतीय सीमा पर बंकर बनाने में मदद कर रहा है और उसे घातक ड्रोन, कम्युनिकेशन टॉवर और अंडरग्राउंड केबल बिछाकर दे रहा है। चीन ने सबसे खतरनाक चाल यह चली है कि पाकिस्तान को परमाणु बम के गोले दागने में सक्षम तोपें भी उपलब्ध करा रहा है। पाकिस्तान ने इसे भारत से लगती एलओसी बार्डर पर तैनात भी कर दिया है। इन तोपों का नाम SH-15 है और बताया यह भी जा रहा है कि इसे चीन की कुख्यात हथियार बनाने वाली कंपनी नोरिंको ने बनाया है और चीन ने भी इसे भारतीय सीमा पर तैनात किया है।
भारतीय सेना के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान से लगती एलएसी पर अब जगह- जगह SH-15 चीनी तोप दिखाई देने लगी है। इससे पहले पिछले साल पाकिस्तान डे पर भी इस तोप नजर आई है। यह 155 मिलीमीटर की तोप ट्रक पर तैनात रहकर यह तोप ‘दागो और भाग जाओ’ की रणनीति पर काम करती है। पाकिस्तान ने चीन की कंपनी से 236 ऐसी तोप लेने का समझौता किया है बहुत जल्द पाकिस्तान को इन तोप के दो बैच के अलावा और खैप मिलने वाली है और अब वह इनकी एलएसी पर हर जगह तैनाती करेगा। SH-15 चीन की तोप PCL-181 का एक्सपोर्ट वेरिएंट है जो गत 23 मार्च को पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में आयोजित परेड में प्रदर्शित किया था। इस तोप का वजन 22 टन होने के साथ यह रोड पर 90 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाई जा सकती है। इसमें प्रयोग की गई तकनीकें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम, सेमी ऑटोमेटिक लोडर सिस्टम से लैस किया गया है। जिससे तोप के अंदर गोले लोड करने में बहुत कम समय लगता है। चीनी कंपनी का यह भी दावा है कि इस तोप को पहाड़ों पर आसानी से तैनात किया जा सकता है। चीनी कम्पनी नोरिंको के मुताबिक यह तोप SH-15 एक मिनट में 4 से 6 गोले दागने के साथ 53 किमी की मारक क्षमता रखती है। पाकिस्तान ने भारत की के9 वज्र तोप का जवाब देने के लिए इसे चीन से खरीद रहा है। भारत की के9 वज्र तोप दक्षिण कोरिया ने बनाई गई है। जो इसी तरह की घातक मारक क्षमता तकनीक से लैस है। भारत ने सैकड़ों की तादाद में इस के9 वज्र तोप को पाकिस्तान की सीमा से लेकर चीन की सीमा तक तैनात किया हुआ है। इसी बात से घबराकर पाकिस्तान ने अब SH-15 तोपें के बेढ़ों को शामिल किया है। चीन की तोप में सबसे खतरनाक ताकत परमाणु बम से लैस तोप के गोले दागने की है पाॅवरफुल तकनीक है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान अगर चाहे तो Sh-15 तोप की मदद से पाकिस्तान छोटे परमाणु बम भारत की सीमा में आसानी से दाग सकता है। हालांकि पाकिस्तान को इसके लिए छोटे परमाणु बम बनाना होगें। जिसके लिए वह काफी लंबे समय से काम कर रहा है। पाकिस्तान ने छोटे परमाणु हथियार पर साल 1984 में काम करना शुरू किया था। अमेरिका पहले ही W-48 नाम के परमाणु बम 10 किलो अल्फा प्लूटोनियम का इस्तेमाल करके के गोले बना चुका है।
पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ ने कथित रूप से साल 2011 में एक अमेरिकी राजनयिक से खुलासा किया था कि उनके देश ने एक छोटे परमाणु बम को बनाने में सफलता हासिल की है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि वह SH-15 तोप की मदद से इसे भारतीय सीमा में दाग सकता है। चीन ने इस तोप को बड़ी तादाद में पहले से ही भारतीय सीमा पर तैनात किया हुआ है। भारतीय विशेषज्ञों का कहना है कि चीन अपने सीपीईसी परियोजना को पीओके से ले जा रहा है। पीओके से चीनी परियोजना का भारत लगातार कड़ा विरोध करता आ रहा है।