मुहब्बत की दास्तां और निशानी के साथ ही खास तरह के वास्तुशिल्प की वजह से ताजमहल दुनिया में मशहूर है। उत्तरप्रदेश राज्य में आगरा में मौजूद ताजमहल मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल के लिए बनवाया था। लेकिन प्रेम और लगाव के साथ हसरत पूरी करने की कोशिश करने वालों की कमी कभी नहीं रही। ऐसे ही एक शख्स हैं, जो मध्यप्रदेश में रहते हैं। उन्होंने पत्नी से प्यार की निशानी के तौर पर घर ही ताजमहल जैसा बनवा दिया, जिसकी चर्चा सोशल मीडिया पर हो रही है। (House Like Taj Mahal)
आनंद प्रकाश चौकसी नाम के व्यक्ति ने चार बेडरूम का “घर” बनवाया है, जो मुगलकालीन ताजमहल जैसा दिखता है। इसे बनवाने में भी तीन साल लगे। इस घर में बनवाया गया गुंबद 29 फीट ऊंचा है।
घर में बड़े हॉल, शयनकक्ष और यएक पुस्तकालय भी है। इसमें एक खास तरह प्रकाश व्यवस्था भी है, जिसकी वजह से यह अंधेरे में भी चमकता है, जैसे ताजमहल का संगमरमर रात में चमकता है, खासतौर पर चांदनी रात में।
Husband goals? 👩🏾❤️👨🏾
Anand Prakash Chouksey, a #MadhyaPradesh man has built a replica of the Taj Mahal for his wife, Manjusha Chouksey.
Built over 3 years, the house spreads across 90 square metres with minarets. It also has 4 bedrooms, a kitchen, a library, & meditation room! pic.twitter.com/bPrb4eHikY
— Indian Link (@indian_link) November 23, 2021
चौकसी जो मध्यप्रदेश के बुरहानपुर शहर में शिक्षाविद् हैं। उनकी इच्छा थी कि 80 फीट ऊंची इमारत बनाई जाए, लेकिन अफसरों ने इसकी मंजूरी नहीं दी। इसके बाद उन्होंने पत्नी को ताजमहल जैसा घर तोहफे में देने का फैसला किया।
इस तरह के घर को लेकर जहां तमाम लोग हैरान होकर तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ ऐसे भी हैं, जो ताजमहल को कब्रगाह बताकर इस प्रयोग की खिंचाई कर रहे हैं। (House Like Taj Mahal)
told my mum some man built a house fashioned after taj mahal for his wife and she's like yes living w men is like living in a grave💀
— yanaa (@sebsgaytee) November 23, 2021
ताजमहल मुगलकालीन वास्तुशिल्प का नायाब नमूना है, जिसको लेकर जाने कितने किस्से लोगों की जबान पर रहते हैं।
जैसे यही, कि इसको बनाने वालों के मुगल शहंशाह शाहजहां ने हाथ कटवा दिए, जिससे ऐसी कोई दूसरी इमारत न बन सके।
अब तक कि जानकारी यही है कि ताजमहल के असल आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी थे। यह जानकारी उनके वंशज लुत्फुल्लाह मुहांदी के लिखित दावे पर आधारित है। उस्ताद अहमद लाहौरी ने ही दिल्ली के लाल किले की नींव रखी थी। एक दूसरे वास्तुकार मीर अब्दुल करीम का भी नाम ताजमहल के वास्तुशिल्प से जुड़ा है, जो पूर्व बादशाह जहांगीर प्रिय वास्तुकार रहे। उन्हें ताजमहल के निर्माण के समय मक्रामत खां के साथ पर्यवेक्षक नियुक्त किया किया गया था।
उस्ताद ईसा का भी नाम आता है ताजमहल के वास्तुशिल्प को लेकर। अक्सर उन्हें प्रधान वास्तुकार बताया जाता है। जिन्हें फारसी या फिर तुर्क वास्तुकार बताया जाता है। (House Like Taj Mahal)
भरोसेमंद जानकारी न होने से कई बार अफवाहें उड़ती रही हैं कि किसको ताजमहल नक्शा खींचने का श्रेय दिया जाए।
इतिहासकार बताते हैं कि उन्नीसवीं शताब्दी में इस खूबसूरत स्मारक के वास्तुकार का श्रेय दिए किसी यूरोपीय को दिए जाने की कोशिश हुई।
स्थानीय लोगों से मिली सूचना के अनुसार, तभी कारीगरों की एक फर्जी सूची भी बना कर दे दी गई, साथ ही पूरे एशिया भर से लाए गए सामान की सूची भी, जिससे कि अंग्रेज कोई यूरोपीय वास्तुकार को इस इमारत का झूठा श्रेय न दे दें।
बताया जाता है कि इसी दौरान काल्पनिक वास्तुकार उस्ताद ईसा का नाम आया।