द लीडर हिंदी, पटना। बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. मोतिहारी जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. तीन रोज पूर्व संख्या तीन लाख के करीब थी जो अब सवा छह लाख हो गयी है.
यह भी पढ़ें: गर्मी से मिलेगी राहत, 10 जुलाई से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में दस्तक देगा मानसून
बाढ़ का कहर, पानी से घिरे 140 गांव
गांवों से लेकर शहर तक बाढ़ के पानी का कहर जारी है और जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जो आकड़े प्राप्त हुए हैं उसके अनुसार, सात प्रखंडों के 144 गांव से बाढ़ प्रभावित है, इसके साथ ही 140 गांव पूरी तरह से पानी से घिर गए है.
दूसरे स्थानों पर शरण ले रहे पीड़ित
बाढ़ पीड़ित काफी परेशान हैं और बांधों के अलावा अन्य ऊंचे स्थलों पर शरण लिये हुए हैं. बंजरिया के गंडक नदी पर बना पुल,मध्य विद्यालय जटवा उर्दू,बेतिया रोड-एनएच-28 का किनारा,लखौरा रोड स्थित बांध पीड़ितों के लिए शरण स्थली बना हुआ है.
यह भी पढ़ें: UP में मिला कोरोना का कप्पा वैरिएंट, मरीज की मौत के बाद मचा हड़कंप
वहीं मवेशियों के लिए चारा की व्यवस्था भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. अपनी जान जोखिम में डालकर पशुपालक पानी में पहुंचर पेड़ की टहनियां तोड़ ला रहे हैं. हालांकि जिला प्रशासन पीड़ितों की सहायता के लिए पहल कर रहा है और आवश्यक सामग्रियों को पहुंचा रहा है.
कई गांवों में फैल रहा पानी
बंजरिया में बाढ़ का पानी एक तरफ जहां कम हो रहा है वहीं सदर प्रखंड के विभिन्न इलाकों में फैल रहा है.सदर के बासमन,पतौरा,मधुबनीघाट, थरगटवा और टिकुलिया आदि पंचायतों के गांवों में पानी फैल रहा है.
यह भी पढ़ें: अगले हफ्ते से इन देशों की यात्रा कर सकते हैं भारतीय, यहां देखें पूरी लिस्ट
वहीं पकड़ीदयाल के नये इलाकों में पानी बढ़ रहा है. जबकि पताही में पानी काफी कम हो गया है,जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है. बताया गया है कि, यहां की नदियों के जल स्तर में भारी कमी आयी है.
बता दें कि, योगापट्टी प्रखंड के गंडक तटवर्ती इलाके सिसवा से लेकर मंगलपुर, मंधातापुर, खापटोला, करबोला, बीनटोली सहित आधा दर्जन गांवों में गंडक के छाडन सोता नदी का कटाव बुधवार की देर रात से शुरू हो गया है. जिससे उक्त गांवों में अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
यह भी पढ़ें: देशभर के कई शहरों में वैक्सीन की किल्लत, मुंबई में कहीं भी नहीं लग रहा टीका
लोग गांव को छोड़ सुरक्षित स्थान की ओर पलायन करने लगे है. इन गांवों से गंडक के छाडन सोता नदी अब दूर नहीं है, अब बस एक कदम दूरी पर फिर से वर्षों पूर्व हुए प्रलयंकारी कटाव का खतरा मंडराने लगा है. कटाव इतना तेज हैं कि, आधा किलोमीटर दूर इन गांव के अब समीप नदी का कटाव चला आया है.
एक ओर जहां आसमान से मूसलाधार बारिश हो रही है, वहीं दूसरी ओर नदी का तेज कटाव लोगों को झकझोर दिया है. ऐसे में बाढ और कटाव से निपटने के लिए सरकार की खोखलापन दावे की पोल खुल गई है.
यह भी पढ़ें: PM मोदी के कैबिनेट विस्तार में अब TMC सांसद डेरेक ओब्रायन का बयान: कही यह बात
ग्रामीणों ने बताया कि, हर वर्ष गंडकवर्ती दियरा क्षेत्र के इन गांवों के लिए आपदा प्रबंधन की ओर से बाढ़ व कटाव से निजात पाने के लिए करोड़ों रुपये की योजना बनाई जाती है, लेकिन धरातल पर कुछ दिखाई नही देता.
सीएम नीतीश ने किया था बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा
पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में तो आसमानी आफत से जिंदगी बेहाल हो गई है. बाढ़ से लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई सर्वे कर हालात का जायजा लिया.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रभावित लोगों से हर संभव मदद करने का भरोसा दिया.
Chief Minister of Bihar Nitish Kumar conducts aerial survey of flood-affected areas of West and East Champaran pic.twitter.com/WaiGABeKz0
— ANI (@ANI) July 6, 2021
गौरतलब है कि, नेपाल से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के मोतिहारी, बेतिया समेत 11 जिलों में बाढ़ आ गई है, कई इलाकों में तो घरों में घुस गया है, क्षेत्रों में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है, यहां की फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं.
यह भी पढ़ें: गर्मी से मिलेगी राहत, 10 जुलाई से दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में दस्तक देगा मानसून