द लीडर | लखीमपुर कांड के मुख्य आरोपी गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को अदालत ने तीन दिन की SIT की रिमांड मंजूर कर ली है। सोमवार की सुबह वीडियो कांफ्रेंसिंग से आशीष की पेशी के बाद सुनवाई शुरू हुई। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आशीष को रिमांड पर देने का फैसला सुनाया। SIT ने आशीष की 14 दिन की रिमांड मांगी थी। तीन दिन की रिमांड 12 अक्टूबर से शुरू होगी।
Lakhimpur Kheri incident | MoS Ajay Mishra Teni's son Ashish Mishra has been sent to three-day police remand with conditions: SP Yadav, Prosecution Advocate pic.twitter.com/H8Ecg5MA4M
— ANI UP (@ANINewsUP) October 11, 2021
राखी कई शर्तें
अदालत ने रिमांड मंजूर करते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। वकील के अनुसार पूछताछ के दौरान आशीष का वकील भी मौजूद रहेगा। मेडिकल के बाद आशीष को कस्टडी में लिया जाएगा। जेल में दाखिला के दौरान भी मेडिकल होगा। इसके अलावा दूर से ही एसआईटी पूछताछ करेगी। इससे पहले रिमांड का विरोध करते हुए आशीष के वकील ने कहा कि शानिवार को 12 घंटे में 40 से ज्यादा सवालों के जवाब वह दे चुके हैं। ऐसे में अब रिमांड की जरूरत नहीं है।
आशीष के वकील की दलील
इससे पहले आशीष के वकील अवधेश सिंह ने कहा कि 40 सवालों के पूछे जाने की बात एसआईटी ने कही थी, जबकि हज़ारों सवाल आशीष से पूछे गए। अब पूछने को रह क्या गया है, जिसके लिए पीसीआर चाहिए? अगर आपके पास सवालों की और फेहरिस्त है तो दिखाइए। आशीष जांच अधिकारी के समक्ष धारा 161 के तहत बयान दर्ज करवा चुके हैं।
फिर भी पुलिस ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि आशीष ने जांच में सहयोग नहीं किया। अवधेश ने कहा कि SIT बताए कि कस्टडी क्यों चाहिए वो आशीष को कहां ले जाना चाहती है? वहीं अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि जांच टीम के पास पूछने के लिए बहुत सवाल थे लेकिन आशीष ने 12 घंटे में केवल 40 सवालों का ही जवाब दिया।
12 घंटे, 32 सवाल… फंसकर रह गया मंत्री का बेटा
पुलिस ने बताया कि आशीष ने सवालों का ठीक से जवाब नहीं दिया और सहयोग नहीं किया। वह सही बातें नहीं बता रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। एक पुलिस अधिकारी के आशीष से 12 घंटे लंबी पूछताछ के दौरान करीब 32 सवाल पूछे गए, लेकिन हर सवाल का उनके पास एक ही जवाब था कि मैं उस जगह पर मौजूद नहीं था, जहां घटना हुई थी। आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गई थी। रिमांड को लेकर सोमवार को कोर्ट में सुनवाई हुई।
2:34 से 3:31 के बीच का नहीं मिला लोकेशन
आशीष ने कई वीडियो साक्ष्य दिए थे। लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाये? आशीष अपने बचाव में तमाम दलीलें पेश करते रहे। लेकिन असल सवाल यही था कि घटना के वक्त वह कहां थे? जिसका जवाब उनके पास भी नहीं था। एसआईटी की टीम को घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 के बीच तक कोई लोकेशन नहीं मिला है।
लगाए गए गंभीर आरोप
FIR में आशीष मिश्रा के अलावा 15-20 अज्ञात लोगों को भी नामजद किया गया है। पुलिस ने इन पर IPC की धारा 147, 148, 149, 279, 338, 304-A, 302 और 120-B के तहत मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी पर अड़ा विपक्ष
कांग्रेस समेत विपक्ष केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी पर अड़ गया है। लखीमपुर हिंसा मामले में शुरुआत से ही केंद्र और राज्य सरकार पर हमलावर रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को तीन घंटे के मौन व्रत की भी शुरुआत की। इसके लिए वह सोमवार दोपहर लखनऊ के हजरतगंज में गांधी प्रतिमा पहुंच गईं।
पहले से ही वहां सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे। प्रियंका के अलावा, सपा, बीएसपी समेत अन्य दल भी लखीमपुर हिंसा मामले में सरकार पर निशाना साधते आए हैं। हालांकि, अजय मिश्रा और आशीष शुरुआत से ही निर्दोष बताते रहे हैं।
क्या है घटना ?
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को लखीमपुर में हुई घटना में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। एसआईटी का मानना है कि जिस थार जीप से किसानों को कुचला गया था वह आशीष मिश्रा ही चला रहे थे। मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया। आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए समन भेजकर बुलाया गया और शनिवार की देर रात गिरफ्तार किया गया था। एसआईटी में शामिल डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने पूछताछ के बाद बताया था कि वे (आशीष मिश्रा) सहयोग नहीं कर रहे। अब एसआईटी आशीष को रिमांड पर लेकर पूछताछ करना चाहती है। एसआईटी ने आशीष मिश्रा का मोबाइल कब्जे में ले लिया है। इस मोबाइल की भी जांच कराई जा रही है।