आर्यन खान ड्रग्स केस के मुख्य गवाह प्रभाकर की मौत, महाराष्ट्र सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम

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द लीडर | मुंबई क्रूज पर ड्रग्स पार्टी के मामले में एनसीबी के स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सेल की महाराष्ट्र के चेम्बूर उपनगर स्थित उनके घर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि 37 वर्षीय प्रभाकर सेल की शुक्रवार शाम चेम्बूर स्थित उसके घर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. उन्होंने बताया कि प्रभाकर सेल को घाटकोपर के रजवाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. पाटिल ने कहा है कि प्रभाकर सेल की मौत की जांच राज्य के डीजीपी करेंगे.


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महाराष्ट्र के डीजीपी करेंगे प्रभाकर सेल की मौत की जांच

महाराष्ट्र के डीजीपी प्रभाकर सेल की मौत के मामले में जांच करेंगे. प्रभाकर सेल आर्यन खान ड्रग्स मामले में एनसीबी का मुख्य गवाह था. महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि राज्य के डीजीपी सेल की मौत मामले की जांच करेंगे. उन्होंने कहा कि उसकी मौत को लेकर कई लोगों को शक था. उन्होंने कहा कि इतना मजबूत और स्वस्थ आदमी अचानक कैसे मर सकता है. मुंबई ड्रग्स केस में एनसीबी के अहम गवाह प्रभाकर सेल की शनिवार को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुंबई ड्रग्स केस में सेल ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे समीर वानखेड़े पर रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए थे.

मुंबई ड्रग्स केस में अहम गवाह था प्रभाकर सेल

प्रभाकर सेल अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में कई सनसनीखेज खुलासे के बाद चर्चा में आया था. उसने उस वक्त के एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगाया था. जिसके बाद एनसीबी (NCB) सवालों के घेरे में आ गई थी और समीर वानखेड़े को इस केस से हटा दिया गया था. प्रभाकर सेल की मौत ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही अदालत ने एनसीबी को मामले में चार्जशीट नहीं दायर करने के लिए फटकार लगाई थी.

क्या था पूरा मामला?

मुंबई में 2 अक्टूबर की रात एनसीबी की तरफ से एक क्रूज पर छापेमारी के बाद से पूरे देश में हंगामा मच गया था. फिल्म स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्‍स मामले में 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था. आर्यन 26 दिन जेल में रहने के बाद जमानत पर 30 अक्टूबर को बाहर आए थे.

कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया था कि खान के पास न तो ड्रग्स था और न ही उसका फोन लेने और उसकी चैट की जांच करने की कोई जरूरत थी. इसके अलावा, एनसीबी नियमावली के अनुसार छापे की वीडियो-रिकॉर्डिंग नहीं की गई थी और मामले में गिरफ्तार किए गए कई आरोपियों से बरामद दवाओं को एक ही बरामदगी के रूप में दिखाया गया था.

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